CHANDIGARH. किसानों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, एमएसपी पर केंद्र सरकार ने किसानों का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इसके बाद किसानों ने आज सुबह 11 बजे से दिल्ली कूच का ऐलान किया है। वहीं, किसानों ने बैरिकेड्स हटाने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनें मंगवाई हैं।
दूसरी ओर, पुलिस दिनभर पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर और दिल्ली जाने के वैकल्पिक मार्ग सील करने में जुटी रही। इस बीच, शंभू बॉर्डर पर मंगलवार को एक और पुलिसकर्मी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह इस आंदोलन में चौथी मौत है।
दूसरी ओर किसान नेता सरवण सिंह पंढेर ने कहा, केंद्र सरकार संसद का एक दिन का विशेष सत्र बुलाए। इसमें बताएं कि एमएसपी कानून को लेकर क्या दिक्कत है। वहीं, किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने 4 फसलों पर एमएसपी का प्रस्ताव देकर गुमराह किया है।
आंदोलन खत्म करवाने का अब एक ही रास्ता है कि सरकार हमारी मांगें मान ले। इनमें तीन प्रमुख मांगे सभी 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी का कानून, सी2+ 50 % के हिसाब से फसलों के रेट तय करना और किसानों की कर्ज माफी हैं। हरियाणा के किसान भी अब पंचायतें करने लगे हैं।
बता दें कि मंगलवार को जींद के उचाना कलां में किसानों और खापों की महापंचायत हुई। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पहले ही बुधवार को देशभर में जिला मुख्यालयों पर धरने-प्रदर्शन का ऐलान किया है।
पिछली बार आंदोलन में वाटर कैनन मोड़ने वाले नवदीप ने कवर्ड पोकलेन मशीनें तैयार की है। नवदीप ने बताया कि इसमें टायर नहीं हैं और यह टैंक की तरह लोहे की चेन पर चलती है। ड्राइवर का कैबिन लोहे की स्पेशल चादर से तैयार किया है, जिस पर गोली का असर नहीं होगा।
एसकेएम के नेतृत्व में 22 फरवरी को किसानों का 500 संगठन दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए मंथन करेंगे।