BENGALURU. भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 मिशन शुक्रवार को शुरू हो रहा है। दोपहर 2:35 बजे रॉकेट इसे लेकर चंद्रमा की ओर उड़ान भरेगा। इस मिशन की लागत करीब 615 करोड़ रुपये आई है, जो चंद्रयान-2 से काफी कम है। ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा। यदि यह मिशन सफल हो जाता है, तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश होगा।
इससे पहले अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही इस मिशन को सफलतापूर्वक कर चुके हैं। यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास होगी। आज तक यहां किसी ने लैंडिंग नहीं की है। रॉकेट की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से LVM-3 लॉन्चर के जरिये की जाएगी। इस मिशन के जरिये भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO वैज्ञानिक दुनिया को बताना चाहते हैं कि भारत दूसरे ग्रह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है।
इसके साथ ही दुनिया को यह दिखाना है कि चंद्रमा पर भारत अपना रोवर चला सकता है। इसके अलावा चांद की सतह, वायुमंडल और जमीन के भीतर होने वाली हलचलों का पता करना चंद्रयान-3 का मकसद है। बताते चलें कि दुनिया की स्पेस इकोनॉमी 30 लाख करोड़ की है। इसमें से भारत का हिस्सा महज 57 हजार 431 करोड़ रुपये का है।
मगर, इस दशक में भारतीय स्टार्ट-अप कंपनियों की योजना 30 हजार सैटेलाइट्स लॉन्च करने की है। इस स्थिति को देखते हुए अनुमाल लगाया जा रहा है कि अगले पांच साल में प्रति वर्ष 48 फीसदी वृद्धि होगी। माना जा रहा है कि जल्द ही भारत स्पेस इकोनॉमी में दूसरे स्थान पर आ जाएगा।
रॉकेट वुमन ऋति करिधाल कर रही हैं प्रोजेक्ट को लीड
इस मिशन की दूसरी खास बात यह है कि इस मिशन को स्पेस साइंटिस्ट ऋतु करिधाल श्रीवास्तव लीड कर रही हैं। लखनऊ की रहने वाली ऋतु को ‘रॉकेट वुमन’ के नाम से भी जाना जाता है। वह मंगलयान मिशन में भी काम कर चुकी हैं