गरियाबंद (Gariaband)। किसान आंदोलन (Farmers Movement) को 26 नवंबर को एक साल पूरा हो जाएगा। वर्षगांठ पर किसान (Farmers) एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर राजधानी रायपुर में विशाल सम्मेलन करेंगे। गरियाबंद जिले के भी हजारों किसान इसमें शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं। मैनपुर क्षेत्र से हजारों किसान अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव तेजराम नेताम और जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली निकालकर रायपुर के लिए निकल चुके हैं।
रायपुर (Raipur) रवाना होने से पहले राजापडाव, गौरगाव, गोबरा, सायबिनकछार एवं उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के किसानों ने मैनपुर में एक सभा का आयोजन किया गया। किसान नेता तेजराम विद्रोही, जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम, भोजलाल नेताम, अर्जुन नायक, अमृत नागेश, दीपक मंडावी, टीकम नागवंशी, दिनाचंद मरकाम, पूरन मेश्राम, दलसू मरकाम, जयलाल सोरी, महेंद्र नेताम, जागेश्वर सहित कई किसान नेताओं ने सभा को संबोधित किया। इसके बाद सभी ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर रायपुर के लिए रवाना हुए।
किसानों का आंदोलन जारी
तेजराम विद्रोही ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दबाव में आकर तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं, लेकिन अभी भी MSP गारंटी जैसे कई मुद्दे है जिनको लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। कल किसान आंदोलन को एक साल होने जा रहा है। इसके उपलक्ष्य में रायपुर में विशाल आयोजन किया जा रहा है, जिसमे प्रदेशभर से किसानों के शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिले से भी किसान बड़ी संख्या में शामिल होने जा रहे हैं।
गलत कृषि नीतियों को भुगत रहे किसान
जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि तीनों कृषि कानून निरस्त होने और एमएसपी लागू होने से किसानों को फायदा मिलेगा इसलिए किसान एमएसपी कानून लागू करने की मांग पर अड़े हुए है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत कृषि नीतियों के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसान सरकार के खिलाफ है और जब तक किसानों की मांगे पूरी नही होंगी तब तक धरना जारी रहेगा।
किसानों ने की ये मांग
स्थानीय किसानों ने मक्का, धान, उड़द, मूंग, तील, मूंगफली को समर्थन मूल्य पर सहकारी सोसायटी ओर मंडियों में समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग की है। इसके अलावा फसल नुकसान का मुआवजा एंव मैनपुर क्षेत्र में मक्का प्रोसेसिंग केंद्र स्थापित करने की मांग भी स्थानीय किसानों द्वारा की गई।
(TNS)