CHANDIGARH. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर बुधवार को पार्टी ऑफिस चंडीगढ़ में सेक्टर 28 में लाया गया, जहां पर लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद अंतिम यात्रा चंडीगढ़ से शुरू होकर गांव बादल तक जाएगी. उनका पार्थिव शरीर राजपुरा, पटियाला, संगरूर फिर बरनाला रामपुरा फूल बठिंडा होते हुए बादल गांव पहुंचेंगा. पंजाब के पूर्व सीएम का 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजे बादल में उनका अंतिम संस्कार होगा. माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी आज उनके अंतिम दर्शन करने पहुंच सकते हैं. इस बीच प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है. इस बीच केंद्र सरकार ने दो दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा कर दी है.
गौरतलब है कि पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार शाम मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया, जो अस्थमा से पीड़ित थे. वह 95 वर्ष के थे. बादल के परिवार में उनके बेटे और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और उनकी सांसद बेटी परनीत कौर हैं. फोर्टिस अस्पताल के एक मीडिया बुलेटिन में कहा गया है कि प्रकाश सिंह बादल को 16 अप्रैल को ब्रोन्कियल अस्थमा के कारण सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 18 अप्रैल को उनकी सांस की स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया था. इलाज के साथ-साथ उन्हें एनआईवी और एचएफएनसी सपोर्ट दिया जा रहा था. कार्डियोलॉजी और पल्मोनोलॉजी विशेषज्ञों और क्रिटिकल केयर टीम उनका इलाज दिगंबर बेहरा की देखरेख में कर रही थी.
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि बादल ईमानदार, ज्ञान और करुणा वाले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया. वह पंजाब के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने अपने राज्य और इसके लोगों के हितों को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में बादल द्वारा की गई सेवाओं को याद करते हुए उन्हें एक सक्षम प्रशासक, तेज दिमाग और नेक दिल वाला अच्छा इंसान करार दिया.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके निधन के बारे में जानने के बाद अस्पताल का दौरा किया और कहा कि देश ने सबसे अनुभवी राजनेता को खो दिया है. उन्होंने कहा, प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूर्णीय क्षति है और उनका नाम देश की राजनीति के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है.