
RAIPUR.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपना आखिरी बजट विधानसभा में पेश कर दिया लेकिन इस बजट से कोर्ठ खुश है तो कोई नाराज वहीं आज विधानसभा में बजट के ऐलान सुनने के बाद प्रदेशभर के कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। उनका कहना है कि सरकार ने उन्हे मायूस कर दिया है। सभी कर्मचारी संगठनों ने एक स्वर में बजट को निराशाजनक बताते हुए कमर कसकर आंदोलन में उतरने का ऐलान कर भी दिया।

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने तो 12 मार्च को प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन कहा कि बजट भरोसे का नहीं, भरोसा तोड़ने वाला रहा। छह महीनों से अऩुकंपा नियुक्ति की आस लगाए आंदोलन कर रहीं शिक्षकर्मी की विधवाएं भी सकते में हैं। उन्हें भरोसा था सरकार कोई घोषणा करेगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। प्रदेश के सरपंच पदाधिकारियों के संघ ने बजट से निराश होकर जल्द बड़ा आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इधर छत्तीसगढ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारियों को एक बार फिर छला गया है। इसमें ना महंगाई भत्ते की बात की गई, ना गृहभाड़ा भत्ते की। कर्मचारी आगे भी लड़ने को मजबूर रहेंगे। अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के आधा दर्जन संघों ने कहा कि घोषणापत्र में किए गए नियमितिकरण के वादे को भूला दिया गया। 10 दिनों में नियमित करना था, 5 साल चले गए। साढ़े 5 लाख कर्मचारी और उनका परिवार ठगा है, आक्रोशित है। सरकार को माफ नहीं करेंगे।

वहीं कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने भी कहा कि बजट निराशाजनक है। पुरानी पेंशन के लिए कोई फंड नहीं रखा गया गया, जबकि हिमाचल सरकार ने 1 हजार करोड़ के कॉर्पस फंड व्यवस्था की है। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने कहा कि एलबी संवर्ग की कोई मांग पूरी नहीं हुई। केंद्र समान डीए, एचआरए पर भी निराशा लगी। स्कूल सफाई कर्मचारी का मानदेय 300 रुपये प्रतिमाह बढ़ाया गया, लेकिन भड़के संघ ने इसे झुनझुना बताते हुए कहा कि 300 रुपये वो सीएम को दान स्वरूप सौंपते हैं।

प्रदेश के एक लाख सहायक शिक्षक वेतन विसंगति दूर करने को लेकर अभी भी आंदोलन कर रहे हैं। उनके लिए भी कुछ नहीं निकला, संघ ने कहा है कि अब आंदोलन और तेज होगा। नर्सिंग एसोसिएशन ने कहा कि 4 मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा तो हो गई, लेकिन नर्सिंग स्टाफ कहां से आएगा। पहले से काफी शॉर्टेज है, अब भी ऩई भर्ती की बात नहीं की गई। स्वास्थ विभाग के संगठन ने भी बजट को छलावा करार दिया है। इनके अलावा नगरीय निकायों में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के संघ ने अब पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में कामकाज ठप करने का ऐलान कर दिया है। वहीं, प्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के संघों ने भी हड़ताल और आंदोलन का ऐलान किया है।


































