रायपुर। नए साल से आपके कपड़े और जूते के दाम महंगे होने जा रहे हैं। दरअसल, जीएसटी काउंसिल की ओर से कपड़ा और जूता उद्योग के इनवर्टेड शुल्क ढांचे में बदलाव किया जा रहा है, जिसका सीधा असर कपड़े व जूतों की कीमतों में पड़ेगा और उनके दाम पहले की तुलना में थोड़े से ज्यादा हो जाएंगे। कपड़ा और जूता उद्योग से जुड़े व्यापारी लंबे समय से ढांचे में बदलाव की मांग कर रहे थे।
क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना था कि जूता बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर 12 फीसद जीएसटी लगता है, जबकि तैयार माल पर पांच फीसद जीएसटी ही लगाया जाता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कच्चे माल की कीमतों में पांच फीसद जीएसटी है और महंगे जूतों पर 18 फीसद जीएसटी लगता है।
मगर, अब नया बदलाव होने के बाद से कपड़ों और जूतों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। बताते चलें कि अभी एमएमएफ फैब्रिक सेगमेंट (फाइबर और यार्न) में इनपुट पर 18 फीसद और 12 फीसद जीएसटी लगता है। वहीं, एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी की दर पांच फीसद और तैयार माल पर पांच फीसद और 12 फीसद है। इसके चलते इनपुट पर जीएसटी आउटपुट से ज्यादा होती है। मगर, अब कपड़ों व जूतों पर टैक्स के ढांचे में बदलाव होने से इसकी कीमतें थोड़ी सी बढ़ जाएंगी।