भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित देश का पहला विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन हबीबगंज नए कलेवर और नए नाम के साथ पहचाना जाएगा। अब इसे भोपाल की अंतिम गोंड आदिवासी शासक रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को करेंगे। राज्य के परिवहन विभाग ने स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे शुक्रवार को मंजूरी दे दी गई है।
नए बने इस रेलवे स्टेशन में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई आधुनिक सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। बताते चलें कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन, जिसे अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से जाएगा, देश का पहला आईएसओ-9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत 14 जुलाई 2016 को रेलवे ने बंसल ग्रुप के साथ मिलकर हबीबगंज के आधुनिकीकरण का काम किया शुरू था, जिसे एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने में करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
बताते चलें कि इससे पहले इलाहाबाद जंक्शन का नाम बदलकर प्रयागराज जंक्शन कर दिया गया था। इसके साथ ही साल 2018 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन, अगस्त 2020 में उत्तर प्रदेश में मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘बनारस’ करने की मंजूरी दे दी है। मई 2016 में बंगलूरू शहर के रेलवे स्टेशन का नाम 19वीं सदी के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनाना क्रांतिवीर संगोल्ली के नाम पर रखा गया।
रेलवे स्टेशनों के साथ ही ट्रेनों के नाम भी इससे पहले बदले जा चुके हैं। बताते चलें कि मई 2017 में कोंकण के दादर-सावंतवाड़ी एक्सप्रेस का नाम मराठी के मशहूर कवि कृष्णाजी केशव दामले की कविता ‘तुतारी’ के नाम पर ‘तुतारी एक्सप्रेस’ रखा गया था। वहीं, कैफियत एक्सप्रेस आजमगढ़ के उर्दू कवि कैफी आजमी के नाम रखा गया था, जो कि दिल्ली से कैफी आजमी के जन्मस्थान आजमगढ़ जाती है।
TNS