तीरंदाज न्यूज। सेना ने उरी में मारे गए 3 आतंकियों के पास से चीन में बनी एम-16 राइफलें बरामद की हैं। सेना ने इस जब्ती को ‘असामान्य’ बताया है। सेना ने कहा कि उरी के कमलकोट इलाके में मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों के पास से दो ए-श्रेणी के हथियार, एक चीनी एम-16 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की चीन मदद कर रहा है या पाकिस्तानी सेना को मिले चीनी हथियार आतंकियों तक पहुंच रहे हैं।

सेना के 19 इन्फैंट्री डिवीजन के प्रमुख मेजर जनरल अजय चांदपुरी ने बारामूला में संवाददाताओं से कहा, “आमतौर पर हमें एके-श्रेणी के हथियार और कभी-कभी एम-4 राइफलें मिल जाती हैं। यह एम-16 चीन में निर्मित नौ मिलीमीटर कैलिबर का हथियार है। यह एक असामान्य बरामदगी है।”
उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि पाकिस्तानी सेना और चीनी सेना के बीच कोई संभावित सांठगांठ है। मेजर जनरल चांदपुरी ने कहा, “बड़े परिप्रेक्ष्य पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी। इसलिए मुझे लगता है कि हमें जांच करने की जरूरत है।”

नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकवादियों की संख्या पर मेजर जनरल चांदपुरी ने कहा कि कई स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर 100-200 आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और वे नियंत्रण रेखा पर 15-20 ठिकानों पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा, “संघर्षविराम से जहां दोनों पक्षों के लोगों को फायदा हुआ है, वहीं आतंकवादी ठिकानों पर आतंकवादियों की मौजूदगी और घुसपैठ की उनकी कोशिशें जारी हैं।”
जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गुरुवार को एक घुसपैठ विरोधी अभियान के दौरान तीन आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए हवाई और जमीन आधारित सेंसर सहित नई पीढ़ी के निगरानी उपकरण और हथियारों का इस्तेमाल किया गया। यह जानकारी सेना ने दी।
उत्तरी कश्मीर के बारामूला में पत्रकारों से बात करते हुए सेना के 19वें इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल अजय चांदपुरी ने कहा कि सैन्य खुफिया, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जमीन पर सेना के अपने स्रोतों सहित विभिन्न चैनलों से प्राप्त विश्वसनीय जानकारी के बाद स्तर अभियान शुरू किया गया था।



































