रायसेन। मध्य प्रदेश के सीहोर में रहने वाले प्रसिद्ध कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सैकड़ों सालों से ताले बंद शिव मंदिर को खुलवाने की अपील की है। क्या आप जानते हैं कि वह कौन सा मंदिर है और उसका क्या इतिहास है। कब से उसमें ताला लगा दिया गया था। अगर नहीं, तो हम आपको बता रहे हैं…
दरअसल, यह रायसेन किले में स्थित सोमेश्वर धाम शिव मंदिर है, जिसे खोलने के लिए शिव पुराण का बखान करने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है। उन्होंने सीएम को मामा संबोधित करते हुए कहा कि वह आएं और भगवान शंकर को यहां के किले की कैद से मुक्त कराएं। पिछले 479 वर्षों से यह मंदिर अब केवल शिवरात्रि पर्व पर भक्तों के लिए खुलता है, जिसे 365 दिन खोलना चाहिए।
मुगल शासक ने 1543 में लगवाया था ताला
रायसेन के दशहरा मैदान में चल रही शिव पुराण कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने बताया कि मंदिर की स्थापना राजा तोरणमल ने की थी। उनकी पत्नी शिव उपासक थीं। इतिहासकारों के अनुसार, साल 1543 में मुगल शासक शेर शाह सूरी ने रायसेन के तत्कालीन राजा पूरनमल को युद्ध में हराकर किले पर कब्जा किया था। इसके बाद से मंदिर को बंद करके ताला लगा दिया गया था।
साल में एक बार खुलता है ताला
यह किला वर्ष 1949 तक भोपाल राज्य के विलय तक नवाब हमीदुल्लाह के अधीन रहा। इसके बाद वर्ष 1974 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. प्रकाशचंद सेठी ने शिवरात्रि पर एक दिन के लिए मंदिर का ताला खोलने की पहल की थी। तब से त्योहार पर साल में एक बार ही ताला खुलता है। वर्तमान में यह किला राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग के अधीन है।