Tirandaj Desk। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के 10 दिन पूरे हो चुके हैं। इस बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन में पूरा सैन्य ढांचा हम तबाह कर चुके हैं और ऑपरेशन का लक्ष्य पूरा करने के बाद ही हम दम लेंगे। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन अगर डोनबास लौटा देगा, तो शांति होगी।
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान का फैसले मुश्किल था, लेकिन यह जरूरी हो गया था। रूस यूक्रेन में संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की कोशिश कर रहा था। डोनबास को रूसी बोलने और अपने तरीके से जीने की इजाजत देना जरूरी था, लेकिन यूक्रेन द्वारा नाकाबंदी कर दी गई।
पुतिन ने कहा कि 2014 से अब तक डोनबास में 13 से 14 हजार लोग मारे गए हैं, लेकिन पश्चिमी देशों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। पुतिन ने उन दावों को बेतुका करार दिया, कि रूस मिन्स्क समझौतों को पूरा नहीं कर रहा है। पुतिन ने कहा रूस ने यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की कोशिश की।
डोनबास के लोगों को रूसी बोलने और अपना जीवन जीने देना जरूरी था। यूक्रेन ने 6,000 से अधिक विदेशी नागरिकों को बंधक बना रखा है, साथ ही यूक्रेन अपने नागरिकों के साथ और भी बुरा व्यवहार करता है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की तटस्थ स्थिति की जरूरत है, ताकि यह नाटो में शामिल न हो। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का विरोध करने वालों को बिना मुकदमे और जांच के गोली मार दी जा रही है।
अगर किसी ने दखल दिया तो बुरी होगी स्थिति…
रूस यूक्रेन पर नो-फ्लाई जोन स्थापित करने के अन्य देशों के किसी भी प्रयास को शत्रुता में भागीदारी के रूप में मानेगा। साथ ही यूक्रेन के मामले में अगर किसी देश ने दखल देने की कोशिश की, तो इसे रूस के खिलाफ युद्ध माना जाएगा और उसे बुरे नतीजे भुगतने होंगे। लिहाजा, पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन बाहर से तो कर रहे हैं, लेकिन वहां अपनी सेनाएं भेजने से परहेज कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि बाहरी आक्रमण की स्थिति में मार्शल लॉ लगाया जाता है। रूस में अभी ऐसी कोई स्थिति नहीं है और उम्मीद है कि ये आगे भी नहीं होगी।