रायपुर। इस साल छत्तीसगढ़ में तेज गर्मी पड़ेगी। दरअसल, भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मार्च से मई की अवधि के दौरान गंगा के मैदानी इलाकों में गर्मी की लहरों की संख्या सामान्य से कम रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान के प्रमुख हिस्सों, गुजरात मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आसपास के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। वहीं, मार्च से ही गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में लू चलने की संभावना है।
लालपुर मौसम केंद्र के अनुसार प्रदेश के मैदानी इलाकों में मार्च का पहला दिन ही तपिश लिए हुए रहा। प्रदेश में महासमुंद सबसे गर्म हुआ और दोपहर का तापमान करीब 37 डिग्री पर पहुंच गया। राजधानी समेत प्रदेश के कई हिस्से में दोपहर का तापमान 34 डिग्री के आसपास रहा। यह भी सामान्य से अधिक है। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के असर से आए बादल छंट रहे हैं। आज आसमान पूरी तरह साफ रहेगा, इसलिए तापमान कुछ बढ़ सकता है।
ऐसा रहा ठंड का ट्रेंड
पिछले 10 साल का ट्रेंड देखें तो प्रदेश में मार्च में अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री तक गया है, जो 30 मार्च 2017 को रिकार्ड किया गया था। अर्थात, यह काफी गर्म माना जा सकता है। इसी तरह, रात में कभी-कभी ठंड का मामला भी रहा है। जैसे, पिछले एक दशक में रात में सबसे कम तापमान 15.1 डिग्री 31 मार्च 2014 को रिकार्ड किया गया था।
क्या होती है गर्मी की लहर
मैदानी इलाकों के लिए, अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर गर्मी की लहर घोषित की जाती है। मौसम विभाग के अनुसार, सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर गंभीर गर्मी की लहर घोषित की जाती है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि भारत में सर्दियों के मौसम में 44 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। देश में 2021 और 2020 में भारी बारिश की 18 घटनाएं और 2019 में 82 घटनाएं देखी गईं।
(TNS)