Tirandaj Desk। रूस ने गुरुवार को भारतीय समयानुसार सुबह करीब नौ बजे यूक्रेन पर हमला कर दिया। महज एक ही दिन के हमले के बाद पूरी दुनिया में उथल-पुथल मच गई है। इसका असर भारत पर भी पड़ने जा रहा है। क्रूड ऑयल की कीमत एक बार फिर आसमान छूने लगी हैं, शेयर बाजार गिरना शुरू हो गया है, क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेशकों को घाटा हुआ है, जबकि रशियन यूरो भी आठ फीसदी गिर गया है। जानते हैं, इसका आपके जीवन पर क्या होने जा रहा है असर…
1- पेट्रोल के दाम बेतहाशा बढ़ेंगे
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते गुरुवार को क्रूड आयल की कीमत 6.28 डॉलर बढ़कर 102.80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। सितंबर 2014 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि विश्व में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच हो। इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है और देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने वाला रूस दुनिया में तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक और प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक है। ऐसे में रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने के बावजूद ऊर्जा जरूरतों के लिए उसे दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
2- शेयर बाजार में निवेशकों के 13.4 लाख करोड़ रुपए डूबे
इस संघर्ष की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजार भी लगातार गिरने लगे हैं। निवेशकों के बीच डर का माहौल है, जिसकी वजह से वे अपना पैसा निकाल रहे हैं। लिहाजा, शेयर बाजार लगातार गिर रहे हैं और निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है। रूस का RTS index 50.05 फीसदी गिरकर 612.69 पर जा पहुंचा। मॉस्को एक्सचेंज में सुबह दो घंटे के देरी के साथ कारोबार शुरू हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 2700 पॉइंट यानी 4.72 फीसदी गिरकर 54,529 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी भी 815 पॉइंट यानी 4.78 फीसदी टूटकर 16,247 पर पहुंच गया। सेंसेक्स की ये अब तक की चौथी बड़ी गिरावट और पिछले दो साल में सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से निवेशकों के 13.4 लाख करोड़ रुपए डूब गए।
3- साबित हो गया कि क्रिप्टो करेंसी सुरक्षित दांव नहीं
दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन गुरुवार को 12 फीसदी तक गिरा। गुरुवार को 2.50 बजे यह 8.12 फीसदी की गिरावट के साथ 35,592 डॉलर यानी 28,05,056 रुपए पर ट्रेड कर रही थी। बिटकॉइन की कीमत सुबह 34,500 डॉलर के स्तर पर आ गई थी। बिटकॉइन की कीमत नवंबर 2021 की शुरुआत में 68,000 डॉलर के पार पहुंच गई थी। यही हाल, दूसरी क्रिप्टोकरेंसी जैसे डॉगी क्वाइन और शीना इबू का भी है। इससे यह तर्क भी गलत साबित हो रहा है कि भूराजनीतिक तनाव में क्रिप्टोकरेंसीज सुरक्षित दांव है। इस साल सोने ने क्रिप्टोकरेंसीज से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है और एक साल के उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है।
4- रूसी रूबल सर्वकालिक निचले स्तर पर
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूसी रूबल 8 फीसदी से अधिक गिर गया, जो अब नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा के बाद रशियन मुद्रा तुरंत 10 फीसदी गिरकर एक नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई। यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90 और यूरो के मुकाबले 100 पर आ गई थी। यानी निर्यात करने पर रूस को पहले से ज्यादा सामान भेजना पड़ेगा और कमाई पहले से कम होगी। किसी भी देश की मुद्रा कमजोर होने पर वहां रोजगार को लेकर संकट खड़ा होता है, जिसके जुड़े दूसरे देशों पर भी इसका असर पड़ता है और धीरे-धीरे मंदी का दौर शुरू हो जाता है। बताते चलें कि कच्चे तेल के बाद रूस गेहूं का भी सबसे बड़ा निर्यातक देश है।