कोरबा। जिले में पथरी का इलाज कराने गए युवक की किडनी निकाले जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खास बात यह है कि युवक को इसकी जानकारी 10 साल बाद तब हुई जब वह पेट दर्द होने पर इलाज कराने डॉक्टर के पास गया। जांच में पता चला कि उसकी किडनी निकाल दी गई है। इस मामले में युवक ने जिला स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई। स्वास्थ्य विभाग की जांच पूरी होने के बाद संबंधित डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया है।
दरअसल यह पूरा मामला 2012 का है। संतोष गुप्ता नाम के शख्स ने 10 साल पहले 2012 में पथरी का इलाज कोरबा के रजगामार रोड स्थित सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल में कराया था। पीड़ित संतोष गुप्ता के अनुसार 10 साल पहले इंस्टिट्यूट में पदस्थ चिकित्सक डॉक्टर एसएन यादव ने उनका इलाज किया था। इलाज के बाद सब कुछ ठीक था लेकिन अचानक कुछ दिन पहले संतोष गुप्ता के पेट में तेज दर्द हुआ।
डॉक्टर ने बताया एक किडनी नहीं है
संतोष गुप्ता जब पेट दर्द का इलाज कराने पहुंचा तो डॉक्टरों ने जांच कर बताया उनकी एक किडनी नहीं है। इसके बाद संतोष गुप्ता के होश उड़ गए। डॉक्टरों के निर्देश पर संतोष गुप्ता ने कई और जांच कराएं जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि उसकी एक किडनी नहीं है। संतोष गुप्ता को यह आशंका है कि पथरी के इलाज के दौरान डॉक्टर ने पथरी की जगह उसकी किडनी निकाल दी।
इस मामले की शिकायत संतोष गुप्ता ने जिला स्वास्थ्य विभाग में दर्ज कराई। स्वास्थ्य विभाग ने पूरी जांच करने के बाद शिकायत को सही पाया और डॉक्टर एसएन यादव के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। कोरबा सीएसपी योगेश साहू ने इस संबंध में बताया कि मामला काफी पुराना है। युवक की एक किडनी नहीं है। पथरी का इलाज कराने गए डॉक्टर द्वारा किडनी निकाल लिए जाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में फिलहाल जांच की जा रही है, अभी आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हुई है।