RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राजनीतिक गरमाहट के बीच हो रहा है। चौथे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गईं। ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। शीतकालीन सत्र के चौथे और आखिरी की शुरुआत से पहले कांग्रेस नेताओं ने नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर विरोध दर्ज कराया।

कांग्रेस के सभी विधायक सत्यमेव जयते की तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे और सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का विरोध किया। सदन के भीतर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कड़ी आपत्ति जताई।

विपक्ष ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे आसंदी ने अग्राह्य कर दिया। स्थगन प्रस्ताव खारिज होने के बाद सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई। कांग्रेस विधायक नारे लगाते हुए गर्भगृह में पहुंचे। वे सत्यमेव जयते, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करो, भारत माता की जय और महात्मा गांधी की जय के नारे लगा रहे थे। गर्भगृह में पहुंचने पर विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।

इस बीच सदन की कार्यवाही जारी है। आज मनरेगा, पंचायत, स्कूल शिक्षा, उद्योग और पर्यावरण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है। प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण के दौरान इन विभागों से जुड़े सवालों पर भाजपा और कांग्रेस विधायकों तथा मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक की संभावना है। कांग्रेस विधायक मनरेगा भुगतान में देरी, जॉब कार्डधारकों को काम नहीं मिलने और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाएंगे। वहीं भाजपा विधायक पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं का हवाला देते हुए मौजूदा योजनाओं की स्थिति स्पष्ट करेंगे।

बता दें कि शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में 35,000 करोड़ रुपये का सप्लीमेंट्री बजट पेश किया था। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से तीन महीने पहले पेश किए गए इस बड़े अनुपूरक बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट प्रदेश के विकास को गति देगा। वहीं विधायक अजय चंद्राकर ने इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट बताया और कहा कि राजस्व व्यय बढ़ाने की शुरुआत पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी को राजनीतिक मुद्दा बना दिया था।


































