RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का शासन केवल राजधानी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि वे लगातार ग्राम और दूरदराज इलाकों में जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान देने का काम कर रहे हैं। उनकी यह शैली शासन के प्रति जनता का भरोसा बढ़ाने और विकास के लाभ को सीधे ग्राम स्तर तक पहुंचाने की एक स्पष्ट मिसाल बन चुकी है। सीएम साय ने राज्य के विभिन्न जिलों में समाधान शिविर आयोजित किए हैं, जहां वे सीधे ग्रामीणों से मिलते, उनकी समस्याएं सुनते और अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश देते हैं। इन शिविरों को शासन की जवाबदेही और जनसेवा के प्रतीक के रूप में पेश किया गया है।

मुख्यमंत्री साय का सरकारी कार्य केवल कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रहता। वे अचानक ग्रामीण इलाकों में आकस्मिक दौरे भी करते हैं। उदाहरण के रूप में कोरिया जिले के ग्राम छिंदिया में सुशासन तिहार के मौके पर उन्होंने बिना पूर्व सूचना ग्रामीणों से मिलकर बातचीत की और उनकी बात सुनी। इस तरह के दौरे और मिलन-जुलन की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है और लोग उनके प्रशासन को स्थानीय और सुलभ मानने लगे हैं। हाल ही में ऐसे ही कार्यक्रमों के तहत वे दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड की ग्राम पंचायत मुरमंदा और अन्य कई गांवों में ग्रामीणों से आमने-सामने संवाद करते दिखे, जहां उनकी पहुँच और सहज बातचीत का स्थानीय निवासियों ने स्वागत किया।

मुख्यमंत्री सिर्फ जनता से मिलने के अलावा, नियमित रूप से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का विस्तृत समीक्षा भी करते हैं, ताकि ग्राम पंचायतों और ग्रामीण इलाकों तक विकास योजनाएं दूरदराज तक प्रभावी रूप से पहुंचें। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय न सिर्फ औपचारिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में जाकर सीधे लोगों से संवाद करते, उनकी समस्याएं सुनते, और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे गांवों तक पहुंचाने के लिये ठोस कदम उठाते हैं। इससे सरकार और जनता के बीच भूमि-स्तर पर विश्वास और भागीदारी मजबूत हो रही है।

ग्रामीण कनेक्टिविटी: बस सेवा से 180 से अधिक गांव जुड़े
विकास को जमीनी स्तर पर महसूस कराने के लिए मुख्यमंत्री साय ने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना (CMRBS) का दूसरा चरण शुरू किया, जिसमें 180 से अधिक गांवों को प्रमुख बस नेटवर्क से जोड़ा गया है। पहले चरण में 250 गांवों को 34 बस मार्गों के ज़रिये शामिल किया गया था, जिससे ग्रामीणों के लिए ब्लॉक-मुख्यालय और अहम केंद्रों तक पहुंच आसान हुई। सीएम ने कहा कि कोई भी गांव मुख्यधारा से कटा नहीं रहे। यह पहल यातायात सुविधा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूती कदम है।

डिजिटल और प्रशासनिक सुविधा केंद्र: पंचायत स्तर तक सेवा
सरकार ने 1,460 से अधिक ग्राम पंचायतों में Atal Digital Seva Kendras की स्थापना की है, जहां ग्रामीण अब बैंकिंग, पेंशन, दस्तावेज निर्माण, बिजली-पानी बिल भुगतान और अन्य सेवाएँ अपने गांव में ही प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि लगभग 11,000 ग्राम पंचायतों को अगले वर्ष तक बैंकिंग सुविधा मिलेगी, जिससे ग्रामीणों का डिजिटल और वित्तीय सशक्तिकरण और बढ़ेगा। सरकार ने बस्तर सहित आदिवासी-प्रधान क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं पर भी जोर दिया है। इन इलाकों में अब डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के तौर पर कई नए मोबाइल टावर काम कर रहे हैं, जिससे 4G तक सेवा उपलब्ध हो रही है और बच्चों को शिक्षा तथा युवाओं को ऑनलाइन अवसरों का लाभ मिल रहा है। सीएम साय ने कहा है कि यह केवल कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं का द्वार है, जिससे ग्रामीण युवा डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं।
जनसेवा का संदेश: सीधे जनता से संवाद और विश्वास
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पॉलिसी और नेतृत्व शैली जनता-केंद्रित है, जिसमें सरकारी योजनाओं की सीधे जनता तक प्रभावी पहुँच और समस्याओं का व्यक्तिगत और त्वरित समाधान शामिल है। राज्य भर में समाधान शिविरों से लेकर ग्रामीण बस सेवा, डिजिटल-सेवा केंद्रों और स्थानीय सुविधा विस्तार तक, ये पहलें ग्रामीण जीवन को सरल और अधिक अवसरपूर्ण बनाने की दिशा में ठोस बदलाव ला रही हैं।



































