LUCKNOW NEWS. उत्तर प्रदेश के रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट और फर्जी दस्तावेज के मामले में सात साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना सुनाया है। कोर्ट ने इस अपराध को समाज और राष्ट्र के लिए खतरनाक करार दिया है।

मामला क्या है
यह केस 2019 में BJP विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत पर रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि अब्दुल्ला आजम ने अलग-अलग जन्मतिथि और अलग पहचान के आधार पर दो पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाए।
आरोप के मुताबिक एक पासपोर्ट वैध दस्तावेजों के आधार पर और दूसरा कथित रूप से फर्जी कागजों और गलत जानकारी पर तैयार किया गया। आशंका जताई गई कि ऐसे डुअल दस्तावेजों का उपयोग बैंकिंग, वोटिंग और अन्य संवेदनशील कामों में किया जा सकता था।
किन धाराओं में सजा
कोर्ट ने केस में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उनका इस्तेमाल करने से जुड़ी धाराओं के तहत दोषी करार दिया। फैसला सुनाते समय कोर्ट ने कहा कि फर्जी पहचान और कागजों से अपराध, दंगा और पहचान की हेराफेरी जैसे गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं। इस केस में सजा के साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जो न भरने पर अतिरिक्त कारावास में बदल सकता है।

पहले से जेल में हैं अब्दुल्ला
अब्दुल्ला आजम इससे पहले भी फर्जी पैन कार्ड से जुड़े एक मामले में सजा काट रहे हैं और रामपुर जिला जेल में बंद हैं। नए फैसले ने उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
उनके पिता और सीनियर सपा नेता आजम खान भी डुअल पैन कार्ड और अन्य मामलों में सजा की वजह से जेल में हैं, कई मामलों में ट्रायल और अपील की प्रक्रिया चल रही है।

पृष्ठभूमि और राजनीति
BJP विधायक आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि अलग-अलग जन्मतिथि के सहारे दो दस्तावेज बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़ाने और अन्य फायदे लेने की कोशिश की गई। इसी विवाद ने आगे चलकर पैन कार्ड और पासपोर्ट दोनों मामलों का रूप लिया।

रामपुर की सियासत में आजम खान परिवार के खिलाफ चल रहे इन मामलों को BJP अपनी “कानूनी जीत” बताकर भुना रही है, जबकि सपा इन कार्रवाइयों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई कहती रही है।

































