BHOPAL NEWS. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बड़े तालाब पर गुरुवार से 20 शिकारे तैरना शुरू होंगे। ये शिकारे श्रीनगर की डल झील की तरह एक नया अनुभव देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्घाटन किया है। कार्यक्रम में मंत्री, विधायक, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी सहित बीजेपी और कांग्रेस दोनों पक्षों के विधायक शामिल रहे।

150 रुपए रहेगा किराया
शिकारे सुबह 7 से शाम 7 बजे तक चलेंगे, प्रति व्यक्ति किराया लगभग 150 रुपए होगा और यह 2.3 किलोमीटर का राउंड लगाएंगे। यह बीच में स्थित टापू के पास भी पहुंचेंगे। नगर निगम ने पहले प्रायोगिक रूप से एक शिकारा चलाया था, अब 20 शिकारे एक साथ उतारे जाएंगे।

आधुनिक तकनीक से बने शिकारे
शिकारे प्रदूषण रहित आधुनिक तकनीक से बने हैं, जिनमें ‘फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन’ और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। इससे तालाब की पारिस्थितिकी सुरक्षित रहेगी। ये शिकारे अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा बनाए गए हैं, जिन्होंने केरल, बंगाल और असम में भी इसी तरह के शिकारे बनाए थे।

क्रूज और मोटर बोट पल लगी रोक
एनजीटी ने दो साल पहले क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर रोक लगाई थी क्योंकि डीजल इंजन से निकलने वाला उत्सर्जन पानी और जलीय जीवन के लिए खतरनाक था। इससे पहले ‘लेक प्रिंसेस’ क्रूज और ‘जलपरी’ मोटर बोट बंद हो गई थीं। शिकारे चलने से बोट क्लब में पर्यटकों को नया विकल्प मिलेगा और बड़ा तालाब का नजारा डल झील जैसा लगेगा।

ये जारी किया गया था आदेश
आदेश में कहा गया था कि डीजल और डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा है। दरअसल, इससे उत्सर्जित सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिक बना देता है। यह इंसानों और जलीय जीवों दोनों के लिए कैंसरकारी है।


































