DURG NEWS. मठ मंदिर संरक्षण एवं सेवा समिति, गीता स्वाध्याय मंडल एवं विद्वत परिषद दुर्ग विभाग द्वारा भारती विश्वविद्यालय, पुलगांव में गीता जयंती अवसर पर भव्य गीता व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य विषय रहा युवाओं में अवसाद का एकमात्र समाधान श्रीमद्भागवत गीता । समिति द्वारा 30 नवंबर से 4 दिसंबर तक पांच दिवसीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है। पहला दिन 30 नवंबर, जलाराम मंदिर में श्लोक पाठ दूसरा दिन 1 दिसंबर, व्याख्यान कार्यक्रम एवं महामृत्युंजय मंदिर में गीता पाठ तीसरा दिन 2 दिसंबर, मां चंडिका मंदिर में गीता पाठ एवं महाआरती चौथा दिन 3 दिसंबर, किल्ला मंदिर में गीता पाठ व आरती, पांचवां दिन 4 दिसंबर, श्री रामदेव बाबा मंदिर में पाठ–आरती का आयोजन किया गया।

व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मदकूद्वीप हरिहर क्षेत्र के महंत एवं मठाधीश श्री रामरूप दास महात्यागी उपस्थित रहे। अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्तीसगढ़ प्रांत सहकारवाह गोपाल यादव ने की। विशिष्ट अतिथियों में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप, भारती विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. आलोक भट्ट शामिल रहे।

कार्यक्रम संचालन डॉ. आचार्य नीलेश शर्मा ने किया। गीता स्वाध्याय मंडल का परिचय अरविंद सुराणा, तथा समिति की जानकारी मंगल प्रकाश गुप्ता ने दी। आभार प्रदर्शन डॉ. पंकज सोनी द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशा, व्यसन और अपराध की ओर बढ़ते कदमों को रोकने का सर्वोत्तम मार्ग गीता जैसी आध्यात्मिक शिक्षा है। गीता युवाओं को कर्तव्य, आत्मबल और सही दिशा प्रदान करती है।
कर्मयोगियों का सम्मान
समाज सेवा से जुड़े दुर्ग के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व अखिलेश अग्रवाल, चिरंजीव जैन, डॉ. मानसी गुलाटी, राघवेंद्र नाथ मिश्र, रोहिणी पाटणकर और अजय सिंह को गीता ग्रंथ एवं शाल भेंट कर कर्मयोगी सम्मान प्रदान किया गया।

युवाओं की रिकॉर्ड उपस्थिति
कार्यक्रम में 230 से अधिक युवा तथा 80 से अधिक गणमान्य नागरिक शामिल हुए। कुल मिलाकर 310 से अधिक लोगों की उपस्थिति ने गीता जयंती व्याख्यान को विशेष बना दिया। प्रमुख रूप से उपस्थित गणमान्य मंगल प्रकाश गुप्ता, संजय साहू, सुदीप सनातनी, कमल विश्वास, दिलीप गुप्ता, पूनमचंद जैन, सुनील शर्मा, अरविंद सुराना, रौशन जी, हरिश्चंद्र साहू, रघुनंदन उजाला, कमल सोनी, गोपाल यादव, विनोद देवांगन सहित अनेक समाजसेवी।


































