KORIYA NEWS. छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के वनांचल क्षेत्र सोनहत में कोकिंग कोयले की नई खोज ने राज्य के औद्योगिक भविष्य को नई रफ्तार दे दी है। ग्राम लब्जी–पुसला में मिले इस भंडार से न सिर्फ स्टील उद्योग को मजबूत आपूर्ति मिलेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास की भी बड़ी संभावनाएं खुलेंगी। इसके बाद एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र ने कोल इंडिया को नई खदान खोलने का प्रस्ताव भेजा है। मंजूरी मिलने पर यहां से हर साल करीब 30 लाख टन कोकिंग कोयला स्टील उद्योगों को आपूर्ति किया जाएगा, जो अगले 25 से 30 वर्षों तक जारी रह सकती है।

कोयले के परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल और सुचारू बनाने के लिए खदान से रेलवे साइडिंग तक लगभग 12 किलोमीटर लंबी फ्लाईओवर कन्वेयर बेल्ट बनाने की योजना है। इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा और लागत भी घटेगी। सीएमपीडीआई और एमईसीएल की मदद से सोनहत ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतों में बीते कुछ वर्षों से कोयला अन्वेषण का काम चल रहा था।

इसी सर्वे के दौरान लब्जी–पुसला क्षेत्र में कोकिंग कोयले की पुष्टि हुई, जो स्टील निर्माण के लिए अहम माना जाता है। नई खदान के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। राजस्व विभाग ने करीब 10 हेक्टेयर निजी भूमि चिन्हित की है, जबकि शेष क्षेत्र वन भूमि का होगा। लगभग 4 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन और उससे जुड़ी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

एसईसीएल के अनुसार खनन के बाद कोयले को रेलवे रैक के जरिए स्टील उद्योगों तक पहुंचाया जाएगा। नगर रेलवे स्टेशन के पास नई कोल साइडिंग के लिए जमीन तय कर ली गई है। हालांकि, खदान से साइडिंग तक सड़क की स्थिति को बेहतर बनाने की आवश्यकता बताई जा रही है।

नई खदान खुलने से सोनहत क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, सड़क, रेल और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास से पूरे इलाके की आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद है।


































