RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ सरकार ने छात्रों और युवाओं के नए आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति (SSIP) को मजबूत करने के लिए सरकार ने 5 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इससे कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अपने नए विचारों को स्टार्टअप में बदल सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में दी गई यह राशि चालू वित्तीय वर्ष में खर्च की जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के युवा नौकरी ढूंढने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें।

इस बजट से i-Hub छत्तीसगढ़ को और मजबूत किया जाएगा। इसके तहत स्टार्टअप से जुड़े कामों की निगरानी और योजना बनाई जाएगी। छात्रों के लिए हैकाथॉन, आइडियाथॉन, इनोवेशन कैंप और स्टार्टअप मीटिंग्स आयोजित होंगी। स्कूल-कॉलेज के छात्रों में नवाचार को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। आइडिया से स्टार्टअप तक आसान रास्ता होगा। अगर किसी छात्र के पास नया और उपयोगी आइडिया है, तो सरकार उसकी मदद करेगी।

आइडिया को प्रोटोटाइप (नमूना मॉडल) बनाने तक आर्थिक सहायता मिलेगी। शुरुआती रिसर्च, डिजाइन और तकनीकी मदद छात्रों को मिलेगी। चुने गए स्टार्टअप्स को सीड फंड ताकि वे अपने उत्पाद को बाजार में उतार सकें। इसके साथ ही पेटेंट और कॉपीराइट में भी सहायता मिल सकेगा। सरकार छात्रों के नवाचार को सुरक्षित रखने पर भी ध्यान दे रही है। इसके लिए पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क कराने में मदद और कानूनी और तकनीकी सहयोग मिलेगा।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार का स्पष्ट विजन है कि छत्तीसगढ़ को नवाचार एवं उद्यमिता का सशक्त केंद्र बनाया जाए। छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति के लिए 5 करोड़ रुपए की यह स्वीकृति युवाओं के विचारों और क्षमताओं पर सरकार के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह निवेश छात्रों और नवप्रवर्तकों को अपने नवाचारों को व्यावहारिक उद्यम में परिवर्तित करने का अवसर देगा, जिससे न केवल नए स्टार्टअप्स विकसित होंगे, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन को भी नई गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं की प्रतिभा, नवाचार और उद्यमशील सोच को सशक्त करने के लिए निरंतर ठोस कदम उठा रही है। छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति (SSIP) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु 5 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस निवेश से छात्रों और नवप्रवर्तकों को अपने नवाचारों को व्यावहारिक उद्यम में बदलने का अवसर मिलेगा, जिससे छत्तीसगढ़ में नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार सृजन को नई गति प्राप्त होगी।


































