NEW DELHI NEWS. आप किस जनरेशन से हैं, यह सिर्फ उम्र नहीं बल्कि आपकी सोच, आदतों और अनुभवों को भी दर्शाता है। हर पीढ़ी ने अपने समय की चुनौतियों से जूझते हुए समाज को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। आज के दौरे में Gen Z, मिलेनियल्स या बेबी बूमर जैसे शब्द आम हो गए हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ये सिर्फ नाम नहीं, बल्कि इतिहास, हालात और सोच को दर्शाने वाली पीढ़ियां हैं। हर 20–25 साल में दुनिया के बदलते हालात एक नई जनरेशन को जन्म देते हैं, जिसकी अपनी अलग पहचान, चुनौतियां और योगदान होता है।

लॉस्ट जनरेशन (1883–1900): इस दौर में जन्मी पीढ़ी ने प्रथम विश्व युद्ध की विभीषिका को बेहद करीब से देखा। युद्ध की तबाही ने इनके जीवन का बड़ा हिस्सा छीन लिया, इसलिए इन्हें ‘लॉस्ट जनरेशन’ कहा गया। हालांकि, कठिन हालातों के बावजूद साहित्य और कला के क्षेत्र में इस पीढ़ी का योगदान उल्लेखनीय रहा।
ग्रेटेस्ट जनरेशन (1901–1927): इस पीढ़ी ने युद्ध, महामारियों और गरीबी जैसे कठिन दौर का सामना किया। इन्हीं संघर्षों की वजह से इन्हें ‘ग्रेटेस्ट जनरेशन’ कहा गया। कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की जिद इस पीढ़ी की सबसे बड़ी पहचान बनी।

साइलेंट जनरेशन (1928–1945): द्वितीय विश्व युद्ध और सामाजिक दमन के दौर में पली-बढ़ी यह पीढ़ी चुपचाप सहन करने के लिए जानी जाती है। अन्याय के खिलाफ खुलकर बोलने की बजाय, हालात को स्वीकार करना इस जनरेशन की खासियत रही।
बेबी बूमर (1946–1964): युद्ध के बाद दुनिया में तेजी से विकास हुआ और इसी दौर में जन्मी पीढ़ी को बेबी बूमर कहा गया। इस जनरेशन ने तकनीकी बदलावों की शुरुआत देखी और आधुनिक विकास की नींव रखी।

जनरेशन X (1965–1980): यह पीढ़ी पुराने और नए जमाने के बीच की कड़ी मानी जाती है। हिप्पी कल्चर, रॉक म्यूजिक, सिनेमा और आर्ट को नई पहचान देने में इस जनरेशन की अहम भूमिका रही। आज भी यह पीढ़ी अनुभव और आधुनिक सोच के बीच संतुलन बनाए हुए है।
मिलेनियल्स (1981–1996): मिलेनियल्स वह जनरेशन है जिसने सबसे ज्यादा बदलाव देखे। बचपन बिना इंटरनेट और युवावस्था डिजिटल दौर में गुजरी। इस पीढ़ी ने परंपरा और तकनीक, दोनों के साथ खुद को ढालना सीखा।

जनरेशन Z (1997–2012): सोशल मीडिया के साथ पली-बढ़ी यह पीढ़ी ट्रेंड, वाइब्स और डिजिटल भाषा की पहचान बनी। साइबर बुलिंग और ऑनलाइन ट्रोलिंग जैसी चुनौतियों का सामना भी इसी जनरेशन ने सबसे पहले किया।
जनरेशन अल्फा (2013–2025): आज की सबसे नई और सबसे युवा पीढ़ी, जो जन्म से ही इंटरनेट, स्मार्टफोन और टैबलेट के साथ बड़ी हो रही है। तेज सीखने की क्षमता और मल्टीटास्किंग इस जनरेशन की पहचान है। इन्हें 21वीं सदी की असली डिजिटल जनरेशन माना जाता है।






























