BIJAPUR NEWS. बीजापुर से बड़ी खबर निकल सामने आई है। छत्तीसगढ़ शासन की “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” नीति के तहत नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में आज कुल 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़ते हुए समाज की मुख्यधारा में वापसी की है। आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों पर कुल 84 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

यह आत्मसमर्पण बीजापुर के पुलिस ऑफिसर्स मेस स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में हुआ। जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद रहे। आत्मसमर्पण करने वालों में 7 महिला और 27 पुरुष माओवादी शामिल हैं, जो दक्षिण सब जोनल ब्यूरो, तेलंगाना स्टेट कमेटी और एओबी डिवीजन से जुड़े थे।

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी लंबे समय से जंगलों में सक्रिय थे और कई गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं। इनमें डीव्हीसीएम, एसीएम, पीपीसीएम, मिलिशिया प्लाटून कमांडर, आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष और अन्य पदों पर कार्यरत माओवादी भी शामिल हैं।

बीजापुर जिले में 1 जनवरी 2024 से अब तक 824 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 1079 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है और 220 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। ये आंकड़े नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता को दर्शाते हैं। राज्य शासन की “पूना मारगेम” पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक माओवादी कैडर को 50 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही उन्हें रोजगार, आवास और समाज में पुनर्स्थापना के लिए अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

लगातार पुलिस सर्चिंग के चलते मार्च 2026 तक नक्सली मुक्त होने के कगार पर आ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो एलान किया था खरा उतरता दिख रहा है। बहराल बीजापुर के नक्सली लीडरों में मारे जाने और आत्म समर्पण के बाद है जो नक्सली भय से नजर आ रहे हैं।
































