JAGDALPUR NEWS. नक्सलवाद पर फोर्स ने बड़ा प्रहार किया है। छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुई, जिसमें 1 करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली नेता हिड़मा और उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का को फोर्स ने ढेर कर दिया है। एपी मारेडुमिली में एपी ग्रेहाउंड्स द्वारा मारे गए 6 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि इसके मारे जाने से दक्षिण बस्तर नक्सलमुक्त हो जाएगा। इस इलाके से ही हिड़मा अपना नेटवर्क चलाथा था और युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करता था। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

बताया गया कि हिड़मा के कमांड के तहत 200–250 हथियारबंद नक्सली काम करते हैं। दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में उसकी मजबूत पकड़ है। स्थानीय ग्रामीण नेटवर्क और जंगल के रूट की गहरी जानकारी उसे सुरक्षा बलों से बचने में मदद देती है। इस मुठभेड़ में CPI (माओवादी) का सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) माडवी हिड़मा, डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM) हिडमा की पत्नी राजे (राजक्का), सब जोनल कमेटी मेंबर (SZCM) चेल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश, टेक शंकर मारे गए हैं। अन्य दो नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

बस्तर IG पी सुंदरराज ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र से एक बेहद अहम सूचना सामने आ रही है। आधिकारिक पुष्टि और औपचारिक घोषणा की प्रतीक्षा है, पर शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह कदम वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन में देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन सकता है। बता दें कि 19 मई को अबूझमाड़ के कुडमेल- कलहाजा जाटलूर इलाके में बसवाराजू मारा गया था। यहां दंतेवाड़ा-बीजापुर और नारायणपुर से DRG के जवानों ने 27 नक्सलियों को ढेर किया था। इसके बाद से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा था।

जानिए कौन था हिड़मा
हिडमा, जो कम से कम 26 घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार था, जिनमें 2013 दरभा घाटी नरसंहार और 2017 सुकमा हमले शामिल हैं। वह लंबे समय से सुरक्षा बलों की निगरानी में था। माडवी हिडमा का असली नाम संतोष था, नक्सल संगठन CPI (माओवादी) का सबसे कुख्यात और घातक कमांडर माना जाता था। वह कम से कम 26 बड़े और जानलेवा नक्सली हमलों के लिए ज़िम्मेदार था, जिनमें 2013 का दरभा घाटी नरसंहार और 2017 का सुकमा हमला शामिल है। 1981 में सुकमा जिले के पूवर्ति गांव में जन्मा हिड़मा माओवादियों की सबसे खतरनाक लड़ाकू इकाई पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था।

संगठन ने उसे CPI (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य बनाया था, और वह बस्तर क्षेत्र से इस उच्च नेतृत्व में जगह बनाने वाला एकमात्र आदिवासी था। उसकी क्रूर रणनीतियों और हमलों को अंजाम देने की क्षमता के कारण उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कार्रवाई के दौरान हिड़मा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे (राजक्का) के भी मारे जाने की जानकारी मिली है। वह सालों से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था और नक्सल नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा माना जाता था।
इन हमलों में था शामिल
76 CRPF जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड
कई बड़े मुठभेड़ों की योजना बनाने का आरोप
झीरम घाटी हमले (2013) में संदिग्ध भूमिका
ताड़मेड़ला हमला, बिजापुर-सुकमा एंबुश सहित कई बड़े हमलों में नाम सामने आया
सुरक्षा बलों पर सबसे संगठित और घातक ऑपरेशन चलाने का आरोप
जानिए क्यों था सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में?
हिड़मा को छत्तीसगढ़ का सबसे मोस्ट-वॉन्टेड नक्सली माना जाता है। CRPF, CoBRA और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें उसे प्राथमिक टारगेट मानकर कई वर्षों से अभियान चला रही थीं। NIA ने भी उसे मोस्ट-वॉन्टेड नक्सल लीडर की सूची में शामिल किया था। हिड़मा पर कई बड़े हिंसक ऑपरेशंस का नेतृत्व करने का आरोप है।




































