BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अटकी प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया है। न्यायालय के इस निर्णय के साथ ही प्रदेश के 1478 शिक्षकों के प्राचार्य पद पर प्रमोशन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस मामले की अंतिम सुनवाई 5 अगस्त 2025 को हुई थी। उस दिन न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की एकल पीठ ने निर्णय को सुरक्षित रख लिया था। लगभग 90 दिनों की प्रतीक्षा के बाद 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिक्षकों के पक्ष में निर्णय दिया।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्राचार्य पदोन्नति की प्रक्रिया को अब आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग अब जल्द ही काउंसिलिंग और पदस्थापना की प्रक्रिया शुरू करेगा। जानकारी के अनुसार, इससे पहले टी संवर्ग के प्राचार्यों का प्रमोशन हो चुका है। विभाग ने काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर सभी शिक्षकों को नई पोस्टिंग आदेश भी जारी कर दिए हैं।

अब ए संवर्ग के शिक्षकों को भी इसी प्रक्रिया से लाभ मिलेगा। यह मामला WPS 3937/2025 नारायण प्रकाश तिवारी बनाम राज्य शासन से जुड़ा था। याचिकाकर्ताओं ने प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया में कुछ नियमों को लेकर आपत्ति जताई थी और कोर्ट से उचित निर्देश देने की मांग की थी।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि ई संवर्ग में 1478 प्राचार्य की पदोन्नति 30 अप्रैल 2025 को की गई थी किन्तु न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत 1 मई को अवरोध के कारण पोस्टिंग नही हुआ, डबल बैंच में लम्बी सुनवाई के बाद स्टे हटाया गया इसके बाद सिंगल बैंच में अवरुद्ध हुआ और पूरी सुनवाई के बाद अभी तक फैसला सुरक्षित रखा गया था।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस माननीय रविन्द्र अग्रवाल जी ने 3 महीने पूर्व 5 अगस्त को सुरक्षित फैसले को शासन के पक्ष में निराकृत किया, नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका को खारिज किया गया। बता दें कि इस याचिका के कारण 6 माह से पदोन्नति का आदेश पोस्टिंग के लिए अटक गया था।




































