PATNA NEWS. बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की सरकार बनती दिख रही है। सीमांचल में भी भाजपा और जेडीयू को जबरदस्त फायदा मिलता दिख रहा है। इसकी वजह ओवैसी की पार्टी AIMIM को मानी जा रही है। इस क्षेत्र में 24 विधानसभा क्षेत्रों में NDA को करीब 20 सीटों पर बढ़त मिलते दिख रही है। दरअसल, सीमांचल में NDA को कमजोर माना जा रहा था, लेकिन ओवैसी की पार्टी को अच्छे वोट मिलते नजर आ रहे हैं, जिसका फायदा अब NDA को मिलता दिख रहा है। सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां अभी तक महागठबंधन का भारी प्रभाव दिखता रहा है, लेकिन ओवैसी ने महागठबंधन के मुस्लिम वोट बैंक को ढाहकर रख दिया है।

असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में जमकर प्रचार किया था। उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं का विश्वास जीता और ओवैसी, ये विश्वास दिलाने में कामयाब नजर आ रहे हैं कि मुस्लिम हितों की बात करने वाली पार्टियां, असल में उनका इस्तेमाल कर रही हैं। अभी तक के वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए यही पता चल रहा है कि सीमांचल की मुस्लिम मतदाताओं ने ओवैसी की बातों पर यकीन किया है और राजद, कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया है।

बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2020 के विधानसभा चुनाव में भी 5 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में उनके विधायकों ने ओवैसी से दगाबाजी करते हुए लालू की पार्टी ज्वाइन कर ली थी। सीमांचल के विधानसभा क्षेत्रों में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले आते हैं। इन चारों जिलों को मिलाकर करीब अलग अलग क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से 65 प्रतिशत तक मतदाता हैं।

सीमांचल में महागठबंधन की बात करें तो कांग्रेस सबसे ज्यादा 12 सीटों पर, आरजेडी 9 सीटों पर, वीआईपी 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, बात अगर एनडीए की करें तो सीमांचल में बीजेपी सबसे ज्यादा 11 सीटों पर, जेडीयू 10 सीटों पर और चिराग पासवान की LJP तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दूसरी तरफ सीमांचल की 24 में से ओवैसी की AIMIM 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।





































