INDORE NEWS. इंदौर के अन्नपूर्णा इलाके में मंगलवार को एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने दिलों को झकझोर कर रख दिया। प्रशासन की टीम अन्नपूर्णा मंदिर की दीवार से सटी बस्ती में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। इस दौरान कई लोगों ने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह की धमकी दे डाली। इसी बीच एक युवक ने गला काटने की कोशिश की। वहीं, एक मासूम लड़की घर टूटने का दर्द सहन न कर पेड़ पर चढ़ गई और जान देने की धमकी देने लगी।

टीम को रोकनी पड़ी कार्रवाई
ये सब देखकर नगर निगम की टीम को अपनी कार्रवाई रोकनी पड़ी। इस दौरान वहां पर काफी अफरा-तफरी का माहौल रहा। अधिकारी बिना कोई काम किए वापस लौट गए। स्थानीय लोगों ने तीरंदाज के साथ खास बातचीत में बताया कि उनके पुरखों को बसने के लिए यह जगह महाराजा यशवंत राव होल्कर ने दी थी। करीब 100 साल से ज्यादा समय से वो लोग यहां रह रहे हैं।

नोटिस नहीं दिया गया
पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि 6 तारीख को नोटिस जारी किया गया था। मगर, उन्हें इसकी कॉपी नहीं दी गई। 13 तारीख को बताया था कि कल तक घर खाली कर देना। आज अचानक घर तोड़ने के लिए चले आए। सामान तक निकालने का मौका नहीं दे रहे थे। हमारी कई पीढ़ियां यहीं रही हैं और अचानक घर छोड़ना हमारे लिए किसी बर्बादी से कम नहीं।
आरोप- मंदिर ट्रस्ट करना चाहता है बेघर
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम और मंदिर ट्रस्ट इन परिवारों को जबरन बेघर करना चाहता है। तनाव इतना बढ़ा कि कई लोगों ने मिट्टी का तेल छिड़ककर आत्मदाह की धमकी दी। एक लड़की ने अपनों का घर टूटता देखकर पेड़ पर चढ़कर आंसू बहाए और नीचे उतारने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान एक पुलिसकर्मी भी गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया।

मंदिर ट्रस्ट ने की थी अपील- हटाए जाएं अतिक्रमण
एक युवक ने दीवार पर चढ़कर बिजली के खंभे पर जाकर ब्लेड लेकर खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। अन्नपूर्णा मंदिर ट्रस्ट ने प्रशासन से अनुरोध किया कि मंदिर के आसपास बने अवैध अतिक्रमण हटाए जाएं। इनकी वजह से श्रद्धालुओं के आने-जाने में बाधा बन रहे हैं। इसी के बाद प्रशासन ने इन घरों को खाली करने का नोटिस जारी किया, लेकिन ये खबर सुनते ही क्षेत्र के लोगों के दिल में बेचैनी और गुस्सा दोनों भर गया।

तहसीलदार ने कही ये बात
तहसीलदार यशिका दीक्षित का कहना है कि प्रभावित परिवारों को धारा 250 के तहत नोटिस दिया गया था और कोर्ट ने भी उनका पक्ष नहीं लिया है। नगर निगम ने इन परिवारों को पुनर्वास का विकल्प भी दिया था, लेकिन निर्धारित समय में वे घर खाली नहीं कर पाए। बढ़ते विरोध और आत्महत्या की धमकियों के बीच प्रशासन की पूरी मुहिम फिलहाल स्थगित हो गई है और अब स्थिति कब सुधरेगी, यह कहना मुश्किल है।

































