MUMBAI NEWS. विश्वविजयी बेटियों पर देश को नाज है… महिला वनडे वर्ल्डकप में टीम इंडिया ने रविवार देर रात तक चले फाइनल मुकाबले में द. अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार ये खिताब अपने नाम किया। 52 साल के लंबे इंतजार के बाद महिला टीम वनडे वर्ल्ड चैम्पियन बनी है। नवी मुंबई के डीवाय पाटिल स्टेडियम में टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 299 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में द. अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रनों पर ही सिमट गई। दीप्ति शर्मा ने पहले बल्लेबाजी में 58 रनों की शानदार पारी खेली, फिर गेंदबाजी में 5 विकेट लेकर विपक्षी टीम को घुटनों पर ला दिया। दीप्ति ने कुल 215 रन बनाए और कुल 22 विकेट लिए।

ऋचा घोष ने इस मेगा इवेंट में कुल 12 छक्के लगाए। यह महिला वनडे वर्ल्ड कप के एक संस्करण में सर्वाधिक हैं। लगातार तीसरा आईसीसी इवेंट फाइनल हारा द. अफ्रीका। 2023 व 2024 के टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल गंवाए थे। मैच की स्टार रहीं शेफाली ने 87 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली और 2 विकेट भी लिए। भारतीय महिला टीम इससे पहले 2005 और 2017 के बाद तीसरी बार फाइनल में पहुंची थी। 2005 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 98 रनों की शिकस्त झेलनी पड़ी थी और 2017 में इंग्लैंड ने नौ रन से हराकर भारत को ट्रॉफी से दूर कर दिया था।

पुरुष टीम से ज्यादा मिला प्राइज मनी
चैम्पियन टीम भारत को करीब 39.55 करोड़ रुपए की प्राइज मनी मिली, जो टूर्नामेंट के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी राशि है। यह 2023 में हुए पुरुष वर्ल्ड कप से अधिक है। तब ऑस्ट्रेलिया को 33.31 करोड़ मिले थे। रनरअप द. अफ्रीका को लगभग 19.77 करोड़ रु. मिले।

ये रहे हमारी जीत के टर्निंग प्वाइंट
शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने इस बड़े फाइनल में शुरुआत से ही टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। दोनों बल्लेबाजों ने 106 गेंदों में 104 रन की शानदार ओपनिंग साझेदारी निभाई। महिला वनडे वर्ल्ड कप के 13 संस्करणों के इतिहास में यह सिर्फ दूसरी बार हुआ जब किसी ओपनिंग जोड़ी ने फाइनल में शतकीय पार्टनरशिप की।
मजबूत शुरुआत के बाद मिडिल ओवर्स में भारतीय पारी थोड़ी लड़खड़ा गई थी, लेकिन ऋचा घोष और दीप्ति शर्मा ने छठे विकेट के लिए सिर्फ 35 गेंदों पर 47 रन की तेज साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों की बेहतरीन फिनिशिंग के दम पर भारत तीन सौ रनों के करीब का स्कोर खड़ा कर सका।
बल्ले से कमाल दिखाने के बाद शेफाली वर्मा ने अपनी पार्ट-टाइम ऑफ स्पिन से भी असर छोड़ा। उन्होंने अपनी शुरुआती सात गेंदों में ही दो विकेट लेकर अफ्रीका को दोहरा झटका दिया। एक के बाद एक सुने लुस और मैरिजन कैप के आउट होने से अफ्रीकी टीम का मिडिल ऑर्डर ध्वस्त हो गया। शेफाली की सटीक गेंदबाजी के सामने अफ्रीकी बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल पाए।

दक्षिण अफ्रीकी कप्तान लॉरा वोल्वार्ट एक छोर संभाले रहीं, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने दूसरे छोर पर किसी बैटर को टिकने नहीं दिया। वोल्वार्ट के अलावा कोई भी अफ्रीकी खिलाड़ी 35+ का आंकड़ा पार नहीं बना सकी। लगातार अंतराल पर विकेट गिरते रहने से अफ्रीकी टीम लक्ष्य से पिछड़ती चली गई।
लॉरा वोल्वार्ट और एनेरी डर्कसेन की जोड़ी ने छठे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी निभाकर भारत पर दबाव डाल दिया था। लेकिन दीप्ति शर्मा ने लगातार दो ओवर में डर्कसेन, वोल्वार्ट और क्लो ट्रायोन को पवेलियन भेजकर अफ्रीका को मुकाबले से बाहर कर दिया। इससे पहले उन्होंने बल्ले से भी मुश्किल परिस्थितियों में 58 रन की पारी खेली थी।




































