JAGDALPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का चेहरा माना जाने वाला हिड़मा का अंत हो गया है। छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ में मारे गए मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे का पूवर्ती में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले घर पहुंचीं सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी हिड़मा के शव से लिपटकर रोई, शव पर काले पैंट-शर्ट डाली। पत्नी राजे को लाल जोड़े में अंतिम विदाई दी गई।

अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पूवर्ती, जबगट्टा, बटुम, टेकलगुडेम और मीनट्टा गांवों के लोग पहुंचे। परिवार ने मांग की थी कि गांव में हिड़मा का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर 18 नवंबर की सुबह सुरक्षाबलों ने हिड़मा, उसकी पत्नी सहित 7 नक्सलियों को ढेर किया था। हिड़मा ने 35 वर्षों में 300 से अधिक लोगों की हत्या की थी, जिनमें अधिकांश जवान शामिल थे।

बता दें कि हिड़मा की मौत के बाद उसके गांव पुवर्ती में मातम पसरा हुआ था। वहीं, हिडमा की मां ने पुलिस से भावुक अपील करते हुए कहा था कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं… अपने बेटे का शव नहीं ला सकती। पुलिस मेरे बेटे का शव गांव ले आए, ताकि मैं अंतिम संस्कार कर सकूं।

वहीं आज यानी 20 नवंबर को हिडमा के परिजन उसका और उसकी पत्नी का शव लेकर पूवर्ती गांव पहुंचे हैं, जहां दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कई गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे।


































