INDORE NEWS. इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। अस्पताल के वार्ड 21 में भर्ती 27 साल की महिला मरीज रोशनी सिंह को एक्सपायर्ड सलाइन और एंटीबायोटिक दिए जाने का आरोप उसकी परिजनों ने लगाया है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब रोशनी के पति सागर सिंह ने ड्रिप लाइन पर लगी वायल की एक्सपायरी डेट देखकर स्टाफ से सवाल किया।
अन्य मरीजों को भी दे रहे एक्सपायर्ड दवा
सागर सिंह का कहना है कि उन्होंने ड्रिप में लगी ‘सिप्रो’ दवा की वायल देखी, जिसकी एक्सपायरी डेट बीत चुकी थी। उन्होंने स्टाफ से जब जवाब मांगा तो कहा गया कि सिर्फ उनकी पत्नी ही नहीं, बल्कि और मरीजों को भी वही दवा दी जा रही थी। जब उन्होंने सुपरिटेंडेंट से शिकायत करने का प्रयास किया तो मुलाकात नहीं हो सकी।

मामले की जांच कर रहा अस्पताल प्रसाशन
सागर का कहना है कि परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है और तीन महीने बेरोजगारी के चलते उन्होंने एमवाय अस्पताल का भरोसा किया था। मगर एक्सपायर्ड दवा देख डर बढ़ गया है। फिलहाल रोशनी की हालत स्थिर है और निगरानी की जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

सुपरिटेंडेंट ने की मामले की पुष्टि
एमवाय अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने शिकायत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि दवा के संबंधित बैच, वार्ड और पूरे स्टॉक की जांच की जा रही है। यदि लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। फार्मेसी और वार्ड में उपलब्ध सभी दवाओं की दोबारा जांच के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

नुकसानदेह हो सकते हैं नतीजे
विशेषज्ञों के मुताबिक, एक्सपायर्ड दवा देना गंभीर लापरवाही है जिससे दवा का असर खत्म या नुकसानदेह परिणाम हो सकते हैं। अस्पताल प्रशासन ने जांच पूरी होने तक समूचे स्टाफ को सतर्कता बरतने और दवाओं के स्टॉक की सावधानीपूर्वक निगरानी के निर्देश दिए हैं।


































