INDORE NEWS. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल में नेशनल कबड्डी प्लेयर रोशनी सिंह को एक्सपायरी दवा चढ़ाने के मामले में जांच के बाद आरोप सही पाए गए हैं। पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर एक नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य स्टाफ सदस्यों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है।

इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने दावा किया कि एक्सपायर्ड दवा लगने से पहले ही हटा दी गई थी। तब सागर सिंह ने यह वीडियो जारी करते हुए अस्पताल की सफाई को झूठा साबित कर दिया था।
इस पूरे मामले में खिलाड़ी के पति सागर सिंह द्वारा बनाए गए वीडियो को सबसे मजबूत सबूत माना जा रहा है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक्सपायर्ड दवा किस तरह चढ़ाई गई।

पति के बनाए वीडियो बने निर्णायक सबूत
रोशनी के पति सागर सिंह ने शुरू से ही अस्पताल पर आरोप लगाए थे कि उनकी पत्नी को एक्सपायर्ड दवा दी जा रही है। उन्होंने इस दवा की वीडियो रिकॉर्डिंग कर उसे सबूत के रूप में पेश किया था। एक वीडियो में वह दवा दिखाई गई जो रोशनी को लगाई गई थी, जबकि दूसरे वीडियो में वार्ड 21 में उसी एक्सपायर्ड दवा की बॉटल रखी मिली।

मरीजों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने साफ किया है कि अस्पताल में मरीजों के साथ किसी भी प्रकार के खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

एक निलंबित, एक की वेतन वृद्धि रोकी
जांच समिति ने नर्सिंग ऑफिसर आसमां अंजूम, नैना गौतम और एंजलिना विल्फेड को दोषी पाया है। इसके बाद आसमां अंजूम को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, नैना गौतम की वेतन वृद्धि रोक दी गई है, जबकि एंजलिना विल्फेड का निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है।




































