KOLKATA NEWS. नई दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले की जांच में नया मोड़ आ गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में बंद एक आरोपी से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा दो और आरोपियों से पूछताछ चल रही है। इनमें से एक महिला है। एक आरोपी साबिर अहमद पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के पलाशीपारा इलाके का रहने वाला है। फिलहाल, वह ड्रग्स से जुड़े एक मामले में प्रेसीडेंसी जेल में बंद है। आरोपी साबिर अहमद के भाई फैसल अहमद को विशेष कार्य बल ने आतंकी नेटवर्क के संबंध में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

माना जा रहा है कि भाई के आतंकी नेटवर्क से कथित संबंधों के बारे में जानकारी जुटाने के मकसद से अधिकारी लगातार साबिर अहमद से पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के दौरान पकड़े गए मुजम्मिल ने अधिकारियों को बताया कि डॉक्टरों को 20 लाख रुपए मिले थे, जो संभवतः जैश-ए-मोहम्मद के एक हैंडलर से आए थे, जिसने हवाला के जरिए डॉक्टरों तक यह रकम पहुंचाई।

ये है तानिया परवीन: मार्च 2020 में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा की एक हैंडलर तानिया परवीन के बारे में माना जाता है कि वह भारत में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल की बड़ी योजना की जानकारी रखती है। कोलकाता के मौलाना आज़ाद कॉलेज की छात्रा परवीन ईरान, इराक और ट्यूनीशिया के 20 वॉट्सऐप ग्रुपों का हिस्सा पाई गई और उनसे जुड़ने के लिए एक पाकिस्तानी नंबर का इस्तेमाल करती थी। बंगाल के विशेष कार्य बल ने परवीन की गिरफ्तारी के बाद, उसे एनआईए ने हिरासत में ले लिया। अब अलीपुर महिला सुधार गृह में बंद परवीन उन समूहों का हिस्सा थी जो मौलाना मसूद अज़हर की बहन, जैश की महिला शाखा की प्रमुख सईदा अज़हर के निर्देशों पर काम करते थे।

सैयद इदरीश उर्फ मुन्ना लश्कर था था एजेंट: सैयद इदरीस उर्फ मुन्ना, एक लश्कर एजेंट था जिसे 2020 में गिरफ्तार किया गया था। वह दमदम सेंट्रल जेल में है। उसने लश्कर के स्लीपर सेल के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इदरीस आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान स्थित आकाओं द्वारा संचालित विभिन्न सोशल मीडिया समूहों का हिस्सा था। इदरीस जिहादियों के लिए धन जुटाने का भी काम करता था, जिसके कारण उसकी गतिविधियों पर नए सिरे से जांच शुरू हुई।

साबिर अहमद के भाई पर शिकंजा
नदिया के पलाशीपारा निवासी साबिर अहमद नशीले पदार्थों के एक मामले में प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद है। पलाशीपारा के नालदाहा गांव में एनआईए ने छापा मारकर उसके भाई फैज़र अहमद को हिरासत में ले लिया। हालांकि सोशल मीडिया पर अब जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा के लिए अलग से प्रचार नहीं किया जाता, फिर भी खुफिया अधिकारी भारत में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल से उनके गहरे संबंधों और 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए कार विस्फोट से उनके जुड़ाव (यदि कोई हो) को देखते हुए तीनों की भूमिका की जांच कर रहे हैं।




































