JOB NEWS. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने से दफ्तरों में काम करने का तरीका ही बदल गया है। अब इसके लिए सभी जगह जॉब्स भी निकाले जा रहे हैं। अब AI के चलते अब बैंक सेक्टर में रूटीन टास्क ऑटोमेटिक हो रहे हैं तो कस्टमर सर्विस भी बदलाव वाले दौर से गुजर रही है। एआई के चलते बैंकिंग जॉब्स में फाइनेंशियल एक्सपीरिएंस और तकनीक की जानकारी, दोनों की जरूरत होने लगी है। अब कैंडिडेट को ऐसे स्किल सीखने की जरूरत है जो एआई के साथ मिलाकर काम करने की सुविधा मिलेगी।

एआई की तकनीक ने बैंकिंग सेक्टर में क्रांति ला दी है, जिससे न केवल काम करने के तरीके में बदलाव आया है, बल्कि कई नई तरह की जॉब्स भी आई हैं। इन जॉब्स में डिजिटल रिलेशनशिप मैनेजर, एआई रिस्क एंड कंप्लायंस ऑफिसर, फ्रॉड एंड रिस्क एनालिस्ट, एआई रिस्क एंड डेटा साइंटिस्ट और कस्टमर एक्सपीरिएंस स्ट्रेटजिस्ट जैसे पद शामिल हैं।

इन पदों के लिए ये योग्यता और स्किल्स जरूरी
- डिजिटल रिलेशनशिप मैनेजर
– योग्यता: BBA, B.Com, MBA
– स्किल्स: डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन कस्टमर हैंडलिंग, CRM सॉफ्टवेयर, कम्युनिकेशन और प्रॉब्लम सॉल्विंग
- एआई रिस्क एंड कंप्लायंस ऑफिसर
– योग्यता: बीटेक, बीई और बीएससी (कंप्यूटर साइं, एआई या डेटा साइंस में)
– स्किल्स: AI Ethics, Responsible AI, डेटा प्राइवेसी और IT Laws, Compliance Tools
- फ्रॉड एंड रिस्क एनालिस्ट
– योग्यता: बीकॉम, बीबीए, बीएससी या बीटेक (डेटा एनालिस्ट)
– स्किल्स: डेटा एनालिसिस टूल्स, धोखाधड़ी का पता लगाना, लेखा परीक्षा, पूर्वानुमान मॉडलिंग

- एआई रिस्क एंड डेटा साइंटिस्ट
– योग्यता: बीटेक या बीई (कंप्यूटर साइं, डेटा साइंस, एआई बेस्ड कोर्स)
– स्किल्स: मशीन लर्निंग, पायथन, टेन्सर फ्लो, एआई के आधार पर डेटा गवर्नेंस और मॉडल जोखिम मूल्यांकन
- कस्टमर एक्सपीरिएंस स्ट्रेटजिस्ट
– योग्यता: एमबीए, यूएक्स डिजाइन
– स्किल्स: कस्टमर का बिहेवियर, मार्केट रिसर्च, UI/UX डिजाइन थिंकिंग, डेटा एनालिटिक्स, कम्युनिकेशन और इमोशनल इंटेलिजेंस

दरअसल, बैंकिंग में कस्टमर सर्विस एक जरूरी काम है, जिसे अब एआई से टेकओवर कर लिया है। आम तरह के सवालों को अब एआई-पॉवर्ड चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट हैंडल कर रहे हैं। इससे एंट्री लेवल पर ह्यूमन एजेंट की जरूरत कम हुई है। रेपेटेटिव बैक ऑफिस टास्क जैसे डेटा एंट्री, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और अकाउंट रीकॉन्सिलेशन को एआई के दौर में ऑटोमेटिक बना दिया गया है। इस तरह से कर्मचारी स्ट्रेटजिक कामों में ज्यादा समय दे पाते हैं।


































