INDORE NEWS. इंदौर शहर के मास्टर प्लान में शामिल एमआर-9 लिंक रोड के निर्माण का काम नगर निगम ने तेज कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना के तहत मालवीय नगर से रिंग रोड तक 100 फीट चौड़ी सड़क तैयार की जाएगी। इसके लिए सड़क की जद में आने वाले 140 मकानों को तोड़ा गया।
मकान तोड़े जाने का विरोध भी हुआ। रहवासियों ने विधायक रमेश मेंदोला के घर के सामने धरना भी दिया था। मगर, नगर निगम ने तय समय सीमा के बाद बाधक हिस्सों को हटाने का फैसला लिया। निगम अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मास्टर प्लान के मुताबिक सड़क निर्माण में कोई बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी।

फ्लैट रहने लायक नहीं- बोले रहवासी
मालवीय नगर की रहने वाली सोनल राठौर ने बताया कि उनका परिवार यहां पिछले 40 साल से रह रहा है। नगर निगम की नपती में उनका पूरा मकान आ गया है। इसके बदले में इंदौर शहर से बाहर दूधिया के पास फ्लैट दिया जा रहा है। मगर, उसकी हालत बहुत खराब है। वहीं रहने लायक स्थिति नहीं है।
इसी तरह से एक अन्य रहवासी जावेद खान ने बताया कि उनका पूरे घर में सिर्फ 5 फीट जगह बच रही है। एक कमरा भी नहीं बन पाएगा। अब ऐसी स्थिति में जाएं, तो जाएं कहां। पूरा मकान नहीं जाने की स्थिति होने की वजह से उन्हें फ्लैट भी नहीं मिल रहा है।

खजराना होकर बायपास से जुड़ेगी सड़क
इंदौर विकास प्राधिकरण ने लगभग पंद्रह साल पहले चंद्रगुप्त मोर्य प्रतिमा चौराहा से अनोप टॉकीज चौराहा तक सड़क का निर्माण किया था। लेकिन आगे का हिस्सा अधूरा पड़ा था। अब एबी रोड से रिंग रोड तक सड़क का निर्माण शुरू हुआ है, जिससे भविष्य में यह सड़क खजराना होकर बायपास से जुड़ सकेगी।

कुछ लोगों खुद ही तोड़े आशियाने
नगर निगम के मुताबिक, चौड़ाई की सीमा में आने वाले 140 मकानों को पिछले महीने नोटिस दिए गए थे। लोगों को स्वेच्छा से निर्माण हटाने का मौका दिया गया था। इसके बाद कुछ लोगों ने खुद ही मकान खाली कर दिए। कुछ लोगों ने नपती में आ रहे घर के हिस्से को अपने हाथों से तोड़ा, ताकि ज्यादा नुकसान न हो।
वहीं, जिन लोगों ने नोटिस मिलने के बाद भी घरों को नहीं तोड़ा था, उनके घरों को नगर निगम की जेसीबी मशीनों और पोकलेन से तोड़ा गया। इस कार्रवाई के बाद अगले महीने से सड़क का निर्माण शुरू होने की संभावना है। हालांकि, सड़क का बीच का हिस्सा अब भी अधूरा ही पड़ा हुआ है।

300 मीटर लंबी घनी बस्ती भी हटेगी
एबी रोड से संजय गांधी नगर तक मार्ग चौड़ा हो चुका है। मगर, 300 मीटर लंबी घनी बस्ती अभी नहीं हट पाई है। यहां करीब दो सौ से ज्यादा अवैध निर्माण हैं। इन्हें हटाने के लिए रहवासी उचित मुआवजा और जमीन के बदले प्लॉट की मांग कर रहे हैं। इस वजह से सड़क फिलहाल पूरी तरह नहीं जुड़ पाई है। मगर, नगर निगम की कोशिश है कि जल्द निर्माण कार्य अंतिम रूप से पूरा कर लिया जाए।




































