BHOPAL NEWS. मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की गैर मौजूदगी पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी है। जिन शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगाई, उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। अब इन नोटिस का जवाब भी आना शुरू हो गया है।

किसी एप पर शेयर नहीं करूंगी जानकारी
जबलपुर जिले के महराजपुर की वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षका ज्योति पांडेय ने अपने जवाब में कहा कि उन्हें विभाग ने मोबाइल नहीं दिया है। उनके पास जो मोबाइल है, वह उनका निजी है, और उसमें उनकी फोटो और अन्य डाटा खुद का है। वे बिना अनुमति अपने फोटो या स्थान जैसी जानकारी किसी एप पर शेयर नहीं कर सकती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका फोन हमेशा उनके पास नहीं रहता, क्योंकि बेटी को पढ़ाई के लिए वह फोन को घर पर भी छोड़ती हैं। प्रदेश के लगभग 1500 शिक्षकों और प्राचार्यों को साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। सभी से 7 दिनों के अंदर जवाब मांगे गए थे। मगर, 18 से 23 अक्टूबर तक दीपावली अवकाश के कारण कुछ शिक्षकों का जवाब नहीं आ सका है।

शिक्षकों में सायबर खौफ
वहीं, भोपाल के 50 से अधिक शिक्षकों ने शिकायत की है कि ‘हमारे शिक्षक’ एप से उनका डाटा लीक हो रहा है। एक ही मोबाइल नंबर से फ्राड कॉल आ रहे हैं, जिनमें सायबर ठग 25-25 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। विभाग का कहना है कि शिक्षक इस मामले में सायबर सेल में शिकायत करें।

बहरहाल, लोक शिक्षण संचालनालय के नोडल अधिकारी अरविंद चौरगड़े ने कहा है कि ऑनलाइन हाजिरी का आदेश पूरे नियम के साथ पालन करना जरूरी है। बताते चलें कि मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने 1 जुलाई 2025 से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ‘हमारे शिक्षक’ डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी है।

इस कदम का उद्देश्य शिक्षा प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। इसके बावजूद भी जो शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी नहीं लगा रहे थे, उन्हें कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं।

































