RAIPUR NEWS. मप्र में कप-सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद केंद्र के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने छत्तीसगढ़ में 2 साल तक के बच्चों के लिए खांसी-सर्दी के सभी तरह के कफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है। डॉक्टर न बच्चों के लिए कफ सिरप लिखेंगे और न ही दवा दुकान वाले बेचेंगे। दो पांच साल तक बच्चों के लिए भी कफ सिरप लिखने में बेहद सावधानी के निर्देश दिए गए हैं। बेहद जरूरत होने पर अगर डॉक्टर सिरप लिख भी रहे हैं तो उन्हें बच्चों की लगातार मॉनिटरिंग करनी होगी।
इस बैन के बाद ड्रग विभाग ने प्रदेश के प्रत्येक जिले की दवा दुकानों में जांच कर श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की जानलेवा कोल्ड्रिफ सिरप की जांच की गई। इसके अलावा श्रीसन कंपनी के जितने प्रोडक्ट मार्केट में हैं, उन सभी के सैंपल जब्त किए गए। उन्हें सोमवार की देर रात तक रायपुर कालीबाड़ी स्थित लैब लाया गया। अब कंपनी के सभी सैंपल की जांच की जाएगी। ड्रग विभाग के अफसरों ने बताया कि देर रात तक 40 से ज्यादा सैंपलों कलेक्ट कर लिए गए थे। आज यानी 7 अक्टूबर को भी जांच अभियान चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि श्रीसन कंपनी केवल बच्चों के ही सिरप नहीं बनाती है। उस कंपनी के कई प्रोडक्ट हैं। उनमें व्यस्कों का सिरप भी शामिल है। इसके अलावा ये कंपनी बुखार और सर्दी जुकाम की टेबलेट भी बनाती है। उसके सैंपल भी कलेक्ट किए गए हैं। ड्रग विभाग के अफसर बेनीराम साहू ने बताया कि राज्य की किसी भी दवा दुकान में कोल्ड्रिफ सिरप नहीं मिला है।
बता दें कि मप्र में बच्चों की मौत के बाद जब बवाल मचा तब पूरे प्रदेश में जांच करवाई गई। सरकारी स्टॉक के साथ-साथ कारोबारियों से भी जानकारी ली गई। सभी का स्टॉक चेक करने के बाद फूड एवं ड्रग कंट्रोलर दीपक अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोल्ड्रिफ सिरप की सप्लाई नहीं हुई है। इस बीच सोमवार को केंद्र की एडवायरी जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया कि 2 साल तक के बच्चों के लिए सरकारी डाक्टर कफ सिरप न लिखें।
छत्तीसगढ़ में बच्चों के कफ सिरप का 25 करोड़ से ज्यादा का सालाना कारोबार है। भास्कर ने शिशु रोग विशेषज्ञों से इस बारे में सवाल किया तो ज्यादातर का कहना था बच्चों के पैरेंट्स सिरप के लिए जिद करते हैं। सर्दी जुकाम और खांसी के कई कारण हो सकते हैं।
कई बार घर में भोजन बनने के दौरान उठने वाले धुंए से बच्चों को खांसी हो जाती है क्योंकि धुंए में कई तरह के केमिकल घुले होते हैं। इसी तरह धूल की वजह से भी बच्चों को सर्दी जुकाम हो जाता है। इसलिए सिरप लिखने के पहले डाक्टर को भी सावधानी बरतनी चाहिए।