INDORE NEWS. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आईआईटी कैंपस से जुड़े रैगिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में सामने आया है कि कुछ सीनियर छात्रों ने नेपाल में हुए GenZ आंदोलन की तर्ज पर यहां भी माहौल गर्माने की साजिश रची गई थी।
जूनियर्स से बनवाए फर्जी अकाउंट
रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर छात्रों ने जूनियरों पर दबाव डालकर उनसे नकली ट्विटर और जीमेल अकाउंट बनवाए। यही अकाउंट विरोधी पोस्ट डालने के लिए इस्तेमाल करने की तैयारी थी। करीब एक महीने पहले जब जूनियर्स ने रैगिंग की शिकायत दर्ज कराई थी, तभी यह मामला सामने आया।
शुरुआती जांच के बाद तीन सीनियर छात्रों को दोषी पाकर हॉस्टल से बाहर और एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था। अब पता चला है कि पूरा षड्यंत्र इन्हीं छात्रों ने रचा था।
होटल में हुई मीटिंग, सीसीटीवी तोड़े
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार 23 सितंबर को एक निजी होटल में बैठकर इस तथाकथित आंदोलन की योजना बनाई गई। इसके तीन दिन बाद यानी 26 सितंबर को कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए और DVR गायब कर दिया गया। आशंका है कि ये कदम सबूत मिटाने और खुद को बचाने के लिए उठाया गया।
धमकाकर कराया विरोध
एंटी रैगिंग कमेटी ने छात्रों और गवाहों के बयान दर्ज किए। जांच में सामने आया कि सीनियर छात्रों ने जूनियरों को धमकाया और जबरन नकली अकाउंट्स से आपत्तिजनक पोस्ट कराए। समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रॉक्टोरियल टीम को सौंप दी है और सिफारिश की है कि दोषी छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
कुलपति ने कहा- पुलिस को दी शिकायत
कुलपति राकेश सिंघई ने बताया कि एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट पर पुलिस को शिकायत दी गई है। हालांकि, अभी नामजद आरोपियों का जिक्र नहीं है। पुलिस जांच के बाद अगली कार्रवाई होगी। कुलपति का कहना है कि पहले भी कुछ छात्रों को रैगिंग मामले में हॉस्टल से निकाला गया था और कुछ पर जुर्माना लगाया गया था।
इसी बात का बदला लेने के लिए उन्होंने यह प्लानिंग की। कुलपति ने यह भी बताया कि जूनियरों को एक रेस्टोरेंट में धमकाया गया और उसके बाद DVR चुराकर सीसीटीवी तोड़े गए। इस साजिश का असली मकसद क्या था, इसकी जांच अभी जारी है।