BHOPAL NEWS. मध्य प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र तेजी से नई ऊंचाइयां छू रहा है। प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों की संख्या 20 लाख के पार पहुंच चुकी है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश देश के शीर्ष छह राज्यों में शामिल हो गया है। यह जानकारी एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने दी।
भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्य में 20 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं। वहीं उद्यम सहायता पोर्टल पर करीब 23 लाख इकाइयों की स्थापना हुई है। इस तरह प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों की कुल संख्या बढ़कर 43 लाख 32 हजार से अधिक हो गई है।
स्टार्ट-अप नीति से बना है माहौल
मंत्री काश्यप का कहना है कि नई एमएसएमई विकास नीति 2025 और स्टार्ट-अप नीति 2025 के साथ-साथ Ease of Doing Business जैसी पहलों ने उद्योगों के लिए बेहतर माहौल तैयार किया है। इसी का नतीजा है कि कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों में निवेश बढ़ा है। इससे रोजगार और आत्मनिर्भरता दोनों को गति मिली है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि इन सुधारों ने उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया है।
महिला उद्यमियों की संख्या भी बढ़ी
मंत्री काश्यप ने बताया कि महिला उद्यमियों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पिछले दो वर्षों में इस संख्या में 15 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पंजीकृत इकाइयों की संख्या 2023-24 की तुलना में 1,24,279 बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यह न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
5 लाख रोजगार के बनेंगे मौके
मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक राज्य में एमएसएमई इकाइयों की संख्या 25 लाख तक पहुंचाने का है। इससे करीब पांच लाख नए रोजगार के मौके बन सकेंगे। मंत्री काश्यप ने कहा कि विभाग लगातार निवेश बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहन देने और उत्पादन के नए मॉडल विकसित करने पर काम कर रहा है।
सरकार का मानना है कि यदि यह रफ्तार बरकरार रहती है, तो आने वाले वर्षों में इसके बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे। मध्य प्रदेश न केवल उद्योगों के लिए एक मजबूत केंद्र बनेगा, बल्कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों के क्षेत्र में देश की अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा।