BHOPAL NEWS. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां किडनी के संक्रमण के चलते एक महीने के अंदर सात बच्चों की जान चली गई है। वहीं, दस बच्चे अब भी इलाज करा रहे हैं। पुणे की वायरोलाजी लैब की जांच में मृत्यु के स्पष्ट कारण का पता नहीं चला है।
हालांकि, बच्चों में किडनी संक्रमण की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों का मानना है कि यह संक्रमण भारी मात्रा में दवा लेने या पानी से संक्रमित होने की वजह से हो सकता है। इस खबर के फैलते ही लोगों में दहशत का माहौल बन गया है।
छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि बच्चों को दवा किसने दी गई थी। अगर किसी अवैध या अनजान स्रोत से दवा मिली है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए पानी की भी जांच कराई जा रही है।
सीएम ने दिए अच्छा इलाज कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर से बात कर मरीजों का ठीक से इलाज कराने के आदेश दिए हैं। बच्चों को शुरुआती तौर पर तेज बुखार, सर्दी-ज़ुकाम हुआ, फिर अचानक मूत्र रुकने की समस्या आई। कुछ दिनों बाद पता चला कि उनकी किडनी में संक्रमण हो चुका है।
छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 4-5 साल के छह बच्चों की इसी संक्रमण से मौत हो चुकी है। बैतूल में भी एक बच्चे की मौत हुई है। किडनी की बीमारी से पीड़ित चार बच्चे नागपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, दो बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल में चल रहा है।
बहरहाल, इन बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। कलेक्टर ने जिले में दो निजी कंपनियों के सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही मेडिकल स्टोर के मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे इनमें से कोई भी सिरप न बेचें।