BHOPAL NEWS. शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से पहचान बना रहा भोपाल अब राष्ट्रीय सुरक्षा शिक्षा का भी अहम केंद्र बनने जा रहा है। राजधानी में गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) का क्षेत्रीय कैंपस शुरू हो गया है। यह आरआरयू का देश में छठा कैंपस है, जो फिलहाल राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) से संचालित है।
मध्य प्रदेश सरकार ने आरजीपीवी परिसर में आरआरयू के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित की है। अगले दो से तीन साल में यहां विश्वविद्यालय का अपना भवन तैयार होगा। फिलहाल इस सत्र में दो कोर्स शुरू हो गए हैं और अगले सत्र से दो नए कोर्स शुरू होंगे। इससे जहां फॉरेंसिक विशेषज्ञ की पढ़ाई करने के बाद छात्रों को नौकरी मिलेगी, वहीं लोगों को जल्द न्याय मिलेगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि विश्वविद्यालय को 3 साल तक हर साल 1.5 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी। आरआरयू भोपाल कैंपस के निदेशक डॉ. राकेश सिंह कुंवर ने बताया कि सितंबर से यहां शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं। शुरुआती दो कोर्स में देशभर से विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने कैंपस के संचालन और प्रशासनिक कामकाज के लिए आरजीपीवी के डिप्टी रजिस्ट्रार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। सत्र 2025-26 में यहां चार वर्षीय बीटेक इन कंप्यूटर साइंस (साइबर सिक्योरिटी स्पेशलाइजेशन) और एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी एंड डिजिटल फॉरेंसिक की पढ़ाई शुरू हो चुकी है।
अगले सत्र से शुरू होंगे ये कोर्स
अगले सत्र से पीजी डिप्लोमा इन स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग और पीजी डिप्लोमा इन पुलिस साइंस एंड मैनेजमेंट के कोर्स भी शुरू होंगे। प्रवेश प्रक्रिया जेईई और अन्य मेरिट आधार पर होगी। गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बीटेक को छोड़कर बाकी कोर्स में 20-20 सीटें रखी गई हैं।
इसके साथ ही राज्य में अपराध की जांच को तेज करने के लिए नए कानूनों के तहत 1266 फॉरेंसिक विशेषज्ञ के पद सृजित किए जाएंगे। इनमें न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के 202 वैज्ञानिक अधिकारी भी शामिल होंगे।
आरआरयू का यह क्षेत्रीय केंद्र प्रदेश के युवाओं को देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान देने का अवसर देगा। साथ ही पुलिस, सुरक्षा बलों और अन्य आंतरिक सुरक्षा संस्थानों के अधिकारियों के कौशल विकास में भी यह संस्थान अहम भूमिका निभाएगा।