JAGDALPUR NEWS. बस्तर में 75 दिनों का विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा मनाया जा रहा है। इसे देखते हुए ईस्ट कोस्ट रेलवे ने आज यानी 1 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक स्पेशल ट्रेन शुरू की है। 4 दिनों तक ये ट्रेन जगदलपुर से दंतेवाड़ा के बीच चलेगी। दरअसल, बस्तर दशहरा में रथ परिक्रमा को देखने के लिए केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। कई पर्यटक बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का दर्शन करने के लिए जगदलपुर से दंतेवाड़ा भी जाते हैं।
वहीं पर्यटकों को आवागमन में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसलिए रेलवे ने जनसाधारण स्पेशल ट्रेन आज से शुरू की है। भीड़भाड़ को देखते हुए इन सभी स्पेशल ट्रेनों में आठ जनरल सेकेंड क्लास (General Second Class) कोच और दो सेकेंड क्लास कम-लगेज (Second Class cum Luggage) कोच लगाए गए हैं। रेलवे का मानना है कि इस व्यवस्था से यात्रियों को दशहरे के दौरान आरामदायक और सुरक्षित यात्रा मिल सकेगी।
ऐसा होगा पूरा शेड्यूल
ट्रेन संख्या 08511 जगदलपुर-दंतेवाड़ा स्पेशल ट्रेन जगदलपुर से 08:15 बजे रवाना होगी, 11:00 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन 2 से 4 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
ट्रेन संख्या 08512 दंतेवाड़ा-जगदलपुर स्पेशल दंतेवाड़ा से 11:30 बजे रवाना होगी। जगदलपुर 14:25 बजे पहुंचेगी। 2 से 4 अक्टूबर 2025 तक संचालित होगी।
ट्रेन संख्या 08513 जगदलपुर-दंतेवाड़ा स्पेशल ट्रेन जगदलपुर से 14:45 बजे रवाना होगी और 17:30 बजे दंतेवाड़ा पहुंचेगी। यह ट्रेन 1 से 4 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
ट्रेन संख्या 08514 दंतेवाड़ा-जगदलपुर स्पेशल ट्रेन दंतेवाड़ा से 18:00 बजे रवाना होगी और जगदलपुर 20:45 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन 1 से 4 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
ट्रेन संख्या 08515 जगदलपुर-दंतेवाड़ा स्पेशल जगदलपुर से 22:00 बजे रवाना होगी, दंतेवाड़ा 00:45 बजे पहुंचेगी। ये ट्रेन 1 से 3 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
ट्रेन संख्या 08516 दंतेवाड़ा-जगदलपुर स्पेशल ट्रेन दंतेवाड़ा से सुबह 05:00 बजे रवाना होगी और जगदलपुर सुबह 07:45 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन 2 से 4 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
बता दें कि बस्तर दशहरा भारत का सबसे लंबा और अनोखा उत्सव माना जाता है। यह छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में मनाया जाता है और इसकी खासियत यह है कि यह केवल देवी की पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आदिवासी परंपराएं, आस्थाएं और स्थानीय संस्कृति गहराई से जुड़ी हुई हैं। अवधि – यह उत्सव लगभग 75 दिनों तक चलता है, जो इसे भारत ही नहीं, दुनिया के सबसे लंबे धार्मिक उत्सवों में शामिल करता है। बस्तर दशहरा मां मावली माता (दंतेश्वरी देवी का रूप) को समर्पित है।