JAGDALPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे लोग अब अलर्ट हो रहे हैं। इस बीच, धर्मांतरण के खिलाफ जगदलपुर जिले में एक गांव खड़ा गया है। जिले के सिड़मुर गांव में ग्रामसभा ने एक बड़ा निर्णय लिया है कि ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर बाहरी पादरियों और ईसाई धर्म प्रचारकों के गांव में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

ग्रामसभा में उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में गाँव में बाहरी लोगों की आमद बढ़ी है, जो लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। इससे गाँव के सामाजिक ताने-बाने पर खतरा मंडराने लगा था। ग्रामीणों का कहना है कि बीते 10–12 वर्षों में गांव में ईसाई धर्मावलंबियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी है, जिससे पारंपरिक सौहार्द्र प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई थी।

सिड़मुर पंचायत के लगभग 275 परिवार इस निर्णय के समर्थन में खड़े हैं। ग्राम प्रतिनिधियों का कहना है कि यह फैसला गाँव की एकता और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए जरूरी था। हालांकि, ग्रामसभा के इस निर्णय से गाँव में रह रहे ईसाई परिवारों के बीच भय और असमंजस का माहौल है। वे इस प्रस्ताव को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।

ग्रामवासियों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले विवाह के बाद गाँव में आईं कुछ महिलाएँ ईसाई धर्म से संबंध रखती थीं, जिन्हें समाज ने सहज रूप से स्वीकार किया था। लेकिन बाद में बाहरी प्रचारकों के आगमन और धर्म परिवर्तन की गतिविधियों से असंतोष बढ़ गया।

इसी के चलते पंचायत ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया कि अब कोई भी बाहरी व्यक्ति धार्मिक प्रचार या धर्मांतरण के उद्देश्य से गाँव में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
































