RAIPUR NEWS. बस्तर ओलंपिक की खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लगाकर गुरुवार को युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने खेल विभाग की अधिकारी का घेराव किया था। उनका ये विरोध अब उन पर ही भारी पड़ रहा है। खेल विभाग की महिला अधिकारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया है। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने तीखा विरोध किया है।
कांग्रेस ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। पहले पीसीसी चीफ ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि राजनीतिक प्रदर्शन में एट्रोसिटी का मामला दर्ज कैसे हो गया? वह भी एक अधिकारी की ओर से? यह भ्रष्टाचार को बचाने और सप्लायर पर एफआईआर दर्ज ना हो, इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ता को डराने की कोशिश है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दीपक बैज के बयान के बाद, दोपहर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर एसपी दफ्तर पहुंचकर एसएसपी से मुलाकात की और अपना विरोध दर्ज जताया। उन्होने पुलिस से एट्रोसिटी एक्ट की धारा हटाने की मांग की। हालांकि, रायपुर एसपी का कहना है कि मामला आवेदन के आधार पर दर्ज किया गया। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।
क्या है कांग्रेस का आरोप ?:
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ने बस्तर ओलंपिक को लेकर बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाए कि बस्तर ओलंपिक के लिए ट्रैक सूट खरीदी में घपला हुआ है। कांग्रेस ने अब खरीदी की जांच की मांग उठाई है।
बस्तर जिला कांग्रेस के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि जिस बस्तर ओलंपिक को लेकर प्रधानमंत्री बीते 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से बड़ी – बड़ी बातें कर रहे थे, उसी बस्तर ओलंपिक में ट्रैक सूट खरीदी में साय सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। 4900 रुपए के ट्रैक सूट खरीदी के लिए निविदा बुलाई गई। जिसमें क्वालीफाई करने वाली 5 कंपनियां एक ही ब्रांड शिव नरेश स्पोर्ट्स प्रा.लि. से जुड़ी थी। सभी पांचों कंपनियों ने एक ही ट्रैक सूट मॉडल (आर्टिकल कोड 459A) के लिये बोली लगाई। इसमें शिव नरेश स्पोर्ट्स प्रा.लि. को एल 1 घोषित किया गया। फिर उससे 2499 रुपए की दर से ट्रैक सूट खरीदा गया।





































