KATHMANDU NEWS. नेपाल में भड़की हिंसा अब थम गई है। इस प्रदर्शन के दौरान 30 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि सरकार की गैरमौजूदगी में सेना ने कंट्रोल कर लिया है। काठमांडू की सड़कों पर हर शख्स की तलाशी ली जा रही है। हालांकि शुरुआती दो दिन के मुकाबले 10 सितंबर को हिंसा कम हो गई। PM ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की सबसे आगे चल रहा है। उनका नाम GenZ ग्रुप ने तय किया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की के नाम पर सहमति जताई है। वे चाहते हैं कि सुशीला नेपाल की कमान संभालें।
दरअसल, सोशल मीडिया एप्स पर लगे बैन के बाद Gen-Z ने पूरे देश की तस्वीर बदलकर रख दी। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा देने के बाद कहीं छिप गए हैं। अब नेपाल पीएम की रेस में चार नाम सामने आए हैं। इसमें पहला नाम पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की है। प्रधानमंत्री पद को लेकर एक वर्चुअल बैठक हुई है। इससे जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर करीब चार घंटे की एक वर्चुअल मीटिंग हुई। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
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प्रधानमंत्री पद के लिए ये नाम भी चर्चा में
प्रधानमंत्री चुने जाने की प्रक्रिया आसान नहीं होगी। अगर सुशीला सहमत होती हैं तो उन्हें पहले नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगदेल और इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मिलकर मंजूरी लेनी होगी। सुशीला इसके बाद ही पीएम पद को संभाल सकेंगी। सुशीला के अलावा कई नाम प्रधानमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं. अन्य संभावित नामों में कुलमन घीसिंग, सागर ढकाल और हरका संपांग हैं।
जानिए कौन हैं सुशीला कार्की
सुशीला का जन्म 7 जून 1952 को बीरटनगर में हुआ था। उन्होंने राजनीति विज्ञान और कानून में पढ़ाई की, फिर वकालत और लीगल रिफॉर्म में करियर बनाया। उन्होंने 1972 में बिराटनगर के महेंद्र मोरंग कैंपस से बीए, 1975 में वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री और 1978 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। कार्की ने 1979 में बिराटनगर में अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू की और 1985 में धरान के महेंद्र मल्टीपल कैंपस में सहायक शिक्षक के रूप में काम किया। वे 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। उन्हें 18 नवंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वे जुलाई 2016 से जून 2017 तक सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश के पद पर भी रहीं।
प्रदर्शनकारियों ने 13 जेलें टूटीं, 7000 कैदी भागे
प्रदर्शनकारियों ने 9 सितंबर को 13 जेलें भी तोड़ दीं। यहां कैद 7000 से ज्यादा कैदी भाग निकले। हिरासत में लिए गए 560 आरोपी भी भाग गए। काठमांडू के ललितपुर जिले में नक्खू जेल तोड़ दी गई थी। इसके बाद जेल में बंद सारे कैदी भाग गए। नक्खू जेल में अब आर्मी का पहरा है। यहां अंदर जाना और फोटो-वीडियो लेना सख्त मना है।