BEIJING NEWS. चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई शिखर सम्मेलन का आज यानी 1 सितंबर, 2025 दूसरा दिन है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तियानजिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार अनुभव रहा है। हमें कई विषयों पर जानकारी का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला. हम लगातार संपर्क में रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित आधार पर कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं। 140 करोड़ भारतीय इस वर्ष दिसंबर में होने वाले हमारे 23वें शिखर सम्मेलन के लिए आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की गहराई और विस्तार को दर्शाता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस हमेशा कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। हमारा घनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। पुतिन के साथ मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। हम शांति के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा, यह पूरी मानवता का आह्वान है। वहीं, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी को अपना दोस्त बताया है. इस दौरान पुतिन ने भारत को रूस के लिए अहम साझीदार बताया है. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध लगातार मजबूत हुए हैं. आज की मुलाकात से रिश्ते और गहरे होंगे. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संबंध वैश्विक शांति के लिए अहम हैं.
इस दौरान भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। सम्मेलन के दौरान घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई है। इस दौरान पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। घोषणा पत्र में कहा गया कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और उन्हें समर्थन देने वालों को सजा दिलाना जरूरी है। इस साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौरतलब है कि इससे पहले जून में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान SCO के घोषणापत्र में पहलगाम हमले का जिक्र भी नहीं था। इसे लेकर भारत ने नाराजगी जताई थी। साथ ही इस पर साइन करने से इनकार कर दिया था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन दौरे आखिरी दिन SCO की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा बताया। उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए इसे आतंकवाद का सबसे बुरा रूप बताया। मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद को पिछले चार दशकों से झेल रहा है। पीएम ने सवाल उठाया कि कुछ देशों का आतंकवाद को खुला समर्थन कैसे स्वीकार किया जा रहा है।