JAGDALPUR NEWS. छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद खात्मे की मुहिम के बीच नक्सलियों ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। नक्सली संगठन का महासचिव रहा गगन्ना उर्फ बासवराजू उर्फ नम्बाला केशव राव के मारे जाने के बाद नक्सली नेता तिरूपति उर्फ देवजी को नक्सली संगठन का महासचिव बना दिया गया है। करीब 4 महीने से ये पद खाली था। वहीं, नक्सलियों की एकमात्र बटालियन का कमांडर रहा सीसी मेंबर माड़वी हिड़मा को नक्सली संगठन के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव बनाया गया है। हालांकि इन दोनों की नियुक्ति की अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।
नक्सली नेता थिपिरी तिरूपति उर्फ कुमा दादा उर्फ देवजी उर्फ चेतन उर्फ संजीव उर्फ सुदर्शन उर्फ रमेश से तेलंगाना राज्य के जगित्याल जिले के कोरूतला मंडल के अंबेडकर का निवासी है। वर्तमान में तिरूपति उर्फ देवजी की उम्र तकरीबन 61 साल है। उसने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है। वहीं पूर्व में सीसी मेंबर के रूप में उस पर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित है। देवजी के पास माड़ डिवीजन की कमान है। नक्सल संगठन में हमेशा से यह बात हावी रही कि सर्वोच्च पदों पर तेलंगाना व आंध्रप्रदेश के लोगों को ही बैठाया जाता है।
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इससे पहले कुख्यात नक्सली माड़वी हिड़मा को दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सेक्रेटरी बना दिया गया है। इससे पहले यह पद रमन्ना के पास था। वर्ष 2020 में उसकी मौत के बाद से पिछले 5 सालों से पद खाली पड़ा हुआ था। इस बीच, बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ नए-नए ऑपरेशन लॉन्च होने शुरू हुए और नक्सली बैकफुट पर चले गए। ऐसे में सेक्रेटरी के पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई थी।
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अब जब नक्सलियों के खिलाफ मिशन 2026 चरम पर है, तब फिर से नक्सली संगठन को खड़ा करने में लगे हुए हैं। हिड़मा की नियुक्ति के जरिए नक्सली एक साथ कई मोर्चों पर खुद को मजबूत करना चाह रहे हैं। बस्तर में फोर्स के खिलाफ अब तक जितने बड़े हमले हुए हैं, उसका मास्टरमाइंड हिड़मा ही रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. के मुताबिक प्रतिबंधित एवं निषिद्ध सीपीआई (माओवादी) संगठन पूरी तरह से नेता-विहीन और दिशा-विहीन हो चुका है। यह अपने अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है।
नक्सली संगठन में ऐसे होती है नियुक्ति
सितंबर 2004 में सबसे पहले गणपति को महासचिव बनाया गया था। इसके बाद बीमारी गणपति बीमार रहने लगा, जिसके बाद 2017 में बसवराजू को ये जिम्मेदारी सौंपी गई। नक्सलियों के संगठन में महासचिव के बाद मिलिट्री कमीशन का हेड दूसरा बड़ा माना जाता है। देवजी इसी का हेड था, इसलिए इसे महासचिव बनाया गया है। ऐसे ही दरकारण्य कमेटी में नियुक्ति होती है।




































