DURG NEWS. प्रदेशभर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को 29वें दिन भी जारी रही। भारी बारिश के बावजूद कर्मचारी धरना स्थल से हटने को तैयार नहीं हैं। कर्मचारियों ने अब राज्यपाल को इच्छा मृत्यु के लिए पत्र भेजने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर दी है।
दुर्ग जिलाध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने बताया कि शासन और कर्मचारियों के बीच कई दौर की चर्चा होने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकल सका। इस बीच 25 से ज्यादा नेताओं को सेवा से पृथक कर दिया गया है और बाकी को चेतावनी पत्र जारी कर हड़ताल खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार का दावा है कि पांच मांगे मान ली गई हैं, लेकिन हड़ताली कर्मचारी उनका लिखित आदेश चाहते हैं, जिसमें लंबित 27% वेतन वृद्धि भी शामिल है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार बार-बार कमेटी बनाकर मुद्दे टाल रही है और दमनकारी नीतियां अपना रही है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि सभी 33 जिलों में धरना स्थल पर कर्मचारियों ने इच्छा मृत्यु के पत्र पर हस्ताक्षर कर राज्यपाल को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
“शौक नहीं, मजबूरी है—ये हड़ताल जरूरी है”
उपाध्यक्ष दिव्या लाल ने कहा कि हमारे कैडर के निचले स्तर के कर्मचारी का वेतन महज 8800 रुपये है। पीएफ कटने के बाद हाथ में सिर्फ 7000 बचता है। न गृह भाड़ा मिलता है, न अन्य भत्ते। महंगाई में इतने पैसों से परिवार चलाना असंभव है।
29वें दिन हुआ नाटक का मंचन
सह सचिव चंद्रहास धनकर ने जानकारी दी कि सोमवार को कर्मचारियों ने धरना स्थल पर नाटक का मंचन किया, जिसमें संविदा कर्मचारियों के शोषण और हड़ताल की विवशता को दिखाया गया। उन्होंने कहा कि 20 साल सेवा देने के बाद भी आज हमें अपने अधिकारों के लिए इस तरह लड़ना पड़ रहा है, जबकि चुनाव के समय इन्हीं नेताओं का हमने साथ दिया था।
धरना स्थल पर भारी भीड़ और कर्मचारियों का आक्रोश इस बात का संकेत है कि आंदोलन जल्द थमता नजर नहीं आ रहा।