JAGDAPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में फोर्स के लगातार ऑपरेशन से बढ़ते दबाव के बाद नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार हैं। माओवादी केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने पत्र जारी कर कहा है कि बदली हुई परिस्थिति में हम हथियार छोड़कर बातचीत के लिए तैयार हैं। एक माह तक नक्सली अभियान को पूरी तरह रोका जाए। गत 15 अगस्त को जारी चिट्ठी में कहा गया है कि इस विषय पर पार्टी के बड़े नेताओं और कामरेडों के साथ बातचीत के बाद ये प्रस्ताव भेज रहे हैं। हम चाहते हैं कि अब जंगलों में खून न बहे। शांति कायम हो। 18 महीने में फोर्स ने 450 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है। एक साल में ही 13 बड़े नक्सल लीडर मारे जा चुके हैं।
पत्र में लिखा कि इससे पहले भी हमारे नेताओं ने आपस में बातचीत कर सरकार से एक माह तक सीज फायर रखने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा कोई सकारात्मक रुख जाहिर नहीं किया गया। बल्कि हमले और तेज कर दिए गए और हजारों की संख्या में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर ऑपरेशन चलाया गया। 21 मई को गुंडेकोट के पास पार्टी के महासचिव बसवा राजु समेत उनके 28 साथी मारे गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले की गई शांति वार्ता की प्रक्रिया को बीच में न छोड़ते हुए इसे आगे बढ़ाने के लिए यह बयान जारी किया जा रहा है।
जारी पत्र के अनुसार शांति प्रक्रिया के लिए हम मुख्यधारा में शामिल होने के लिए किए जा रहे अनुरोधों के मद्देनजर हथियार छोड़ने का निर्णय लिया है। भविष्य में हम जन समस्याओं, तमाम राजनीतिक पार्टियों एवं संघर्षरत संस्थाओं के साथ जहां तक हो सके कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगे। इस विषय पर केंद्र के गृह मंत्री या उनसे नियुक्तियों अथवा प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के लिए हम तैयार हैं। इसके लिए पार्टी के अंदर सहमति जताने वाले साथियों से एक प्रतिनिधि मंडल तैयार कर शांति वार्ता के लिए हम शिरकत करेंगे।
पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार द्वारा इनके प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए सहयोग का आश्वासन देने के बाद ही वे दिए गए ईमेल और फेस बुक अकाउंट देख सकते हैं। सरकार से अनुरोध किया है कि वे अपने निर्णय की जानकारी इंटरनेट से दूर रहने वाले उनकी पार्टी के तमाम कैडरों तक पहुंचाने के लिए आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण करवाएं।
पत्र में कहा गया है कि संगठन के कुछ साथी जेल में बंद हैं और अलग-अलग राज्यों में तैनात हैं। उनसे इस विषय पर सहमति बनाने और सलाह मशविरा करने के लिए एक माह का समय दिया जाए। इस दौरान प्राथमिक रूप से सरकार से वीडियो कॉल के जरिये भी बातचीत के लिए तैयार हैं। इसलिए एक माह के लिए औपचारिक सीज फायर की घोषणा की जाए।