RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। आज राजधानी रायपुर में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें पीसीसी चीफ दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत मौजूद रहे। बैठक में संगठनात्मक रणनीति, आगामी आंदोलनों और पार्टी के भीतर की अनुशासनहीनता जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई।
नेता प्रतिपक्ष की दो टूक: “चमचों को संभालो”
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बैठक में बेबाक अंदाज में कहा कि, “पार्टी के बाहर जो बातें फैल रही हैं—कोई किसी को मुख्यमंत्री बना रहा है, तो कोई अध्यक्ष—यह हमारी गलती नहीं, बल्कि हमारे चमचों की गलती है। हमने सभी जिला अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने चमचों को संभालकर रखें।” इस बयान ने बैठक का माहौल गर्मा दिया और पार्टी के आंतरिक अनुशासन को लेकर गंभीर संदेश भी दिया।
रविंद्र चौबे के बयान पर उठा विवाद
बैठक में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर दिए गए बयान पर भी चर्चा हुई। चौबे ने कहा था कि “छत्तीसगढ़ की जनता आज भी भूपेश बघेल का नेतृत्व चाहती है”, जिससे पार्टी में अंदरूनी खींचतान और नाराजगी सामने आई। हालांकि बाद में चौबे ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि कांग्रेस कलेक्टिव लीडरशिप में विश्वास रखती है। इस बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए बैठक में कुछ नेताओं ने कार्यवाही की मांग की।
“वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान की रणनीति तैयार
बैठक में कांग्रेस के आगामी बड़े आंदोलन “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान को लेकर भी मंथन हुआ। 9 सितंबर को बिलासपुर में इस अभियान के तहत एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष को दी गई है। रैली में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
बस्तर बाढ़ राहत और धरना प्रदर्शन की भी चर्चा
बैठक में बस्तर संभाग में आई बाढ़ को लेकर कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे राहत अभियान पर भी चर्चा हुई। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता राहत सामग्री एकत्र कर प्रभावितों की मदद कर रहे हैं।
साथ ही, “संगठन सृजन” कार्यक्रम की समीक्षा की गई और राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर धरना, प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति भी तैयार की गई।
कांग्रेस की यह बैठक सिर्फ रणनीति तय करने तक सीमित नहीं रही, बल्कि पार्टी के भीतर अनुशासन और नेतृत्व को लेकर गहरी चिंताओं को भी उजागर कर गई। आने वाले दिनों में कांग्रेस का “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान राज्य की राजनीति को और गर्मा सकता है।