BHILAI NEWS. भरतनाट्यम प्रस्तुति से ऐसा समां बाँधा कि पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। 31 अगस्त को हुई इस गरिमामय प्रस्तुति में आद्या ने भारतीय इतिहास और शास्त्रीय नृत्य की भाव-भंगिमाओं को जिस सहजता और शुद्धता से प्रस्तुत किया, उसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में मंच पर आद्या का सम्मान वरिष्ठ IAS अफसर एवं छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष आर.एस. विश्वकर्मा तथा रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने किया।
आद्या पांडे को पहले भी छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें नृत्य मंजरी, नृत्य प्रतिभा, नृत्य श्रेष्ठ एवं नृत्य गौरव सम्मान जैसे अलंकरणों से भी अलंकृत किया गया है।
उन्होंने नेशनल इंटर DPS डांस फेस्टिवल-2024 (नई दिल्ली) में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया था, जहाँ उन्हें बेस्ट सिंक्रोनाइज्ड परफॉर्मेंस अवॉर्ड मिला। इसी तरह CBSE के नेशनल एडोलसेंट समिट-2024 “सुर संगम” (नई दिल्ली) में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर Meritorious Performance और Outstanding Performance अवॉर्ड हासिल किया।
सिर्फ 16 वर्ष की आयु में 25 राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी आद्या ने भरतनाट्यम की शिक्षा महज 4 साल की उम्र में शुरू की। वह वर्तमान में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से डिप्लोमा इन भरतनाट्यम कर चुकी हैं और नृत्य चूड़ामणि अलंकृत डॉ. जी. रतीश बाबू से विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।
सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय द्वारा भी उन्हें भरतनाट्यम में जूनियर स्कॉलरशिप-2023 के लिए चयनित किया गया है, जो आठ साल तक मान्य रहेगा।
डीपीएस रिसाली, भिलाई की कक्षा 11वीं की छात्रा आद्या शिक्षा में भी उतनी ही दक्ष हैं। हाल ही में उन्होंने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए। उनके पिता दिनेश पांडे भिलाई इस्पात संयंत्र के मर्चेट मिल में कार्यरत हैं।