JAGDALPUR NEWS. 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा इस साल भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आने वाले हैं। शाह बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शामिल होंगे। वे 4 अक्टूबर को बस्तर दौरा करेंगे। साथ ही वे लाल बाग मैदान में भी आम सभा को संबोधित करेंगे। इसके लिए प्रशासन ने जगदलपुर के लाल बाग मैदान में तैयारी शुरू कर दी है। शाह के अलावा छत्तीसगढ़ के CM समेत कई मंत्री, विधायक और सांसद भी बस्तर दशहरा में शामिल हो सकते हैं।
दरअसल, बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप समेत अन्य सदस्यों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दशहरा में शामिल होने न्योता दिया था। शाह ने इस पर्व में आने की हामी भरी थी। अब प्रशासन भी तैयारियों में जुट चुका है। वहीं, अमित शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा नक्सलवाद से मुक्त और शांति की ओर अग्रसर बस्तर अपने पर्व-त्योहार धूम-धाम से मना रहा है। आदिवासी संस्कृति और विरासत का प्रमाण 75 दिनों तक मनाया जाने वाला बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में आने का निमंत्रण मिला है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।
इसलिए मशहूर है बस्तर दशहरा
75 दिवसीय लंबी अवधि और स्थानीय देवी दंतेश्वरी को श्रद्धांजलि देने की परंपरा के कारण प्रसिद्ध है, जो इसे देशभर में अन्य दशहरों से अलग बनाती है। यह त्यौहार भगवान राम की रावण पर विजय का पारंपरिक उत्सव नहीं है, बल्कि बस्तर के लोगों के लिए देवी दंतेश्वरी की सर्वोच्च शक्ति का उत्सव है। साथ ही, इसमें कुछ अनोखी प्रथाएं भी शामिल हैं, जैसे कि जोगी का गड्ढे में बैठकर नौ दिन तक तपस्या करना।
यहां की अनोखी परंपराएं
जोगी बिठाई: इस त्यौहार की शुरुआत जोगी बिठाई से होती है, जिसमें एक आदिवासी युवक अन्न-जल त्यागकर नौ दिनों तक एक गड्ढे में तपस्या करता है।
रथ परिक्रमा: इसमें रथों का विशेष महत्व है, और कई रस्में रथों के इर्द-गिर्द होती हैं।
काछिन देवी की अनुमति: उत्सव के लिए काछिन देवी से आज्ञा ली जाती है, जिसमें राजा और पुजारी प्रार्थना करते हैं, जिसके बाद काछिन देवी पुष्प वर्षा करके अनुमति देती हैं।